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30 दिसंबर को भव्य होगा भारतीय महिला शक्ति सम्मान समारोह

महिलाओं को अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए जगाना होगा,: सुभाष बिहारी

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हेमलता म्हस्के@नई दिल्ली/

देश की सही तरक्की के लिए महिलाओं को आगे लाने और उनको जागरूक करने के मकसद से दिल्ली में 30  दिसंबर 2023 को विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय अनेक महिला हस्तियों को राष्ट्रीय स्तर पर सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख की याद में भारतीय महिला शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह घोषणा भारत शोषित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष  सुभाष बिहारी ने  लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जननायक रामविलास पासवान और कथा सम्राट प्रेमचंद की पुण्यतिथि  पर आयोजित एक कार्यक्रम में की। कार्यक्रम का आयोजन

सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन, भारतीय शोषित सेना और देशज फाउंडेशन ने सयुक्त रूप से किया था।

इस मौके पर लंबे समय से दलितों,शोषितों और वंचितों के हक के लिए निरंतर संघर्षशील सुभाष बिहारी ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जननायक रामविलास पासवान और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी को श्रद्धांजलि देते हुए इन सभी विभूतियों के राष्ट्र निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदानों की चर्चा की और  कहा कि मौजूदा समय में संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विधेयक को सैद्धांतिक रूप से जरूर पारित कर दिया गया  है जो काफी नही है। उसे जल्दी से जल्दी लागू भी किया जाना

चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए बिहारी ने कहा कि देश  के विभिन्न राज्यों में सक्रिय  महिलाओं  को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को  सम्मानित करने का फैसला किया गया है। उन्होंने सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख के योगदानों की चर्चा करते हुए कहा कि

देश में महिला शिक्षा को सबसे पहले बुनियादी तौर से शुरुआत करने के लिए  इनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता। ये दोनों विभूतियां दुनिया की सभी महिलाओं के लिए आदर्श हैं। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद आठ राज्यों से आए संस्थाओं और संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए यह अपील की कि

इस समारोह की कामयाबी के लिए सभी  से साथ चलने और सहयोग देने के लिए आगे आएं। उन्होंने बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी दी कि प्रसून लतांत ,महंत तिवारी, हेमलता म्हस्के, आदि  समारोह के संयोजक होंगे।  समारोह  में महिलाओं के ज्वलंत मुद्दों पर विमर्श होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  विख्यात किसी एक महिला हस्ती का सार्वजनिक अभिनंदन होगा । सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन की राष्ट्रीय सचिव हेमलता म्हस्के की सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख पर लिखी पुस्तक का लोकार्पण होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

श्रद्धांजलि सभा में मौजूद सावित्री बाई सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार प्रसून   लतांत ने कहा कि महिलाओं को सिर्फ संसद में अधिकतम प्रतिनिधित्व देना ही काफी नही है इन्हें जागरूक करने की भी जरूरत है। नही तो संसद और विधानसभाओं में अधिकतम प्रतिनिधित्व देने का हाल भी पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को दिए गए आरक्षण जैसा ही हो जायेगा। उनको अधिकार देने  के साथ इन अधिकारों के इस्तेमाल करने के लिए भी पहले   जागरूक बनाने की जरूरत है। साथ ही महिलाओं की  शैक्षणिक, आर्थिक और स्वास्थ्य की दशा  में सुधार तेज करने की गति भी तेज करने की जरूरत है।

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महिलाओं को सभी दृष्टि से सशक्त बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए देशज फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नाथ तिवारी ने  कहा कि हमलोग देश भर में वैसी संघर्षशील महिलाओं की तलाश कर इनको सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपनी जिंदगी खपा कर देश और समाज  के निर्माण ने योगदान किया जायेगा।

गांधीवादी चिंतक, कलाकार और अंग जन गण के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा सुधीर कुमार ने कहा कि महिला विरोधी मान्यताओं,अंधविश्वासों और प्रथाओं  से भी महिलाओं को मुक्ति दिलाने की दिशा में पूरे समाज को मिलजुल कर प्रयास करना जरूरी होगा ताकि महिला पुरुष के बीच गैर बराबरी खत्म हो। उन पर होने वाले बर्बर अत्याचारों का दौर भी पूरी तरह खत्म हो सके।

सावित्रीबाई और फातिमा शेख के योगदानों को याद करते हुए मुंबई से  आए चर्चित हास्य कलाकार कलीम शेख ने कहा कि मैं हास्य कलाकार हूं लेकिन देश का मौजूदा समय हंसने हंसाने का नही है, बल्कि इंसाफ के लिए आक्रोश व्यक्त करने का है। इस मौके फिल्मी गानों की पैरोडी गाकर देश की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए आगे आने की प्रेरित किया।  उन्होंने अपनी प्रतिभा  से सभी को चमत्कृत किया और खूब तालियां बटोरीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय जयप्रकाधनारायण संस्थान के अध्यक्ष अभय सिन्हा ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि 30 दिसंबर को  होने वाला भारतीय महिला शक्ति समारोह ना सिर्फ ऐतिहासिक होगा बल्कि उसका दूरगामी संदेश देश की महिलाओं में उत्साह भरने वाला साबित होगा। इस मौके पर चंद्रमोहन पपने : संगीता मेहरौलिया: सीमा गुप्ता: विनोद अग्रवाल: अजय सिंह

: निधि मुखर्जी और

भुटकुन पासवानआदि ने भी अपने विचार रखे।

 

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