प्रखंड प्रमुख ने CO के खिलाफ खोला मोर्चा, आंदोलन की दी चेतावनी।
शंकरपुर CO पर लग रहा है भ्रष्टाचार का आरोप। एक जमीन का दो रसीद काट कर बढ़ा रहे हैं भूमि विवाद।
बबलू कुमार, मधेपुरा/ शंकरपुर अंचल के CO राहुल कुमार पर लग रहे भ्रष्टाचार का मामला गरमाने लगा है। इस मुद्दे को लेकर प्रखंड प्रमुख स्मिता आनंद ने मधेपुरा में प्रेस वार्ता आयोजित किया। इस प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि शंकरपुर अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। शंकरपुर अंचल के अंचल अधिकारी श्री राहुल कुमार के कृत्यों को लेकर अंचल क्षेत्र में जनता के बीच आक्रोश व्यप्त है। इसे लेकर बीते 11 अगस्त को शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय में जनता और जन प्रतिनिधियों के संगठन संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना भी दिया गया था, जिसके बाद एक पब्लिक पिटीशन भी जिलाधिकारी को भेजा गया। धारण के 10 दिन बीतने के बाद भी अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई अंचल के सीओ के खिलाफ नहीं की गई है। इसे लेकर हम सभी जन प्रतिनिधि जल्द ही डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रेस के माध्यम से जनता और सरकार को बताना चाहते हैं कि किस तरह से अंचल अधिकारी राहुल कुमार अंचल क्षेत्र में भूमि विवाद को कम करने के बदले बढ़ाने का काम कर रहे हैं। गरीब जनता का दाखिल-ख़ारिज के नाम पर आर्थिक शोषण होता है। वरीय अधिकारी के आदेश और सरकार के कानून का मजाक बनाते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास सीओ के आतंक से पीड़ित दर्जनों लोगों का लिखित आवेदन तक दिया है।
श्री राहुल के द्वारा बरती गई लापरवाही या अबैध उगाही के मनसे से की गई कार्रवाई का सबसे बड़ा उदहारण रुबेदा खातून का मामला है। जिसमें बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 के तहत DCLR कोर्ट के स्पष्ट आदेश होने के बाद भी 9 माह बीतने पर भी उसे लागू नहीं किया गया, क्योंकि महिला श्री राहुल को कथित रूप से 1 लाख रूपया नहीं दी।
श्री राहुल के द्वारा सुरेन्द्र मंडल पिता किसन मंडल, कोल्हुवा वार्ड -9 से बासगिद पर्चा के रसीद को ऑन लाइन चढानेके एवज में 10 हजार रूपया लिया गया लेकिन 6 माह से अधिक बीतने बाद भी उनका काम नहीं हुआ. इसी तरह रिंकी कुमारी पति विकास कुमार से रसीद को ओं लाइन चढाने के एवज में 25 हजार रूपया लिया गया.
श्री राहुल कुमार द्वारा लाखों रुपये लेकर बिना जांचे परखे कई लोगों को गलत जमीन रसीद कटाने की भी लिखित शिकायत मिली है. कजरा गिद्धा निवासी ज्ञानेश्वर कुमार यादव और उनके परिजनों के जमीन का रसीद शशिभूषण यादव और उनके परिजनों को भी काटा गया है लेकिन ज्ञानेश्वर यादव के परिजनों की जमीन में से उसे घटाया नहीं गया है. इसी तरह सुरेन्द्र यादव पिता स्व. जागेश्वर यादव कल्हुहा के बासगीत पर्चा वाले जमीन का रसीद संजीव कुमत पिता दिनेश यादव को भी काट दिया गया है. इसी तरह महेंद्र ऋषिदेव पिता स्व. बोदी ऋषिदेव मौर झरकाहा के जमीन का भी रसीद दुसरे लोगों को काट दिया है.
इस प्रकार दर्जनों ऐसी शिकायत है कि श्री राहुल अंचल अधिकारी के रूप में दलालों के माध्यम से प्रति केवल दाखिल-ख़ारिज के लिए 25000 से 100000 रुपये तक लेते हैं। यदि पैसा नहीं मिलता है तो जनबूझ कर ऐसे आवेदन को रिजेक्ट करते हैं अथवा लटका कर रखते हैं। परिमार्जन के लिए भी अपने दलालों के माध्यम से 25000 से 50000 रुपये की मांग करते हैं। अंचलाधिकारी के कृत्य से जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। उनके कृत्य से न सिर्फ हम जनप्रतिनिधियों की साख पर सवाल उठ रहा है बल्कि सरकार और प्रशासन के खिलाफ भी नाराजगी बढ़ रही है। सरकार और प्रशासन इन बातों पर गंभीरता पूर्वक ध्यान देते हुये भ्रष्ट अंचलाधिकारी श्री राहूल को अविलम्ब बर्खास्त कर कानूनी कार्रवाई की करे, ताकि सरकार और प्रशासन के प्रति लोगों का असंतोष खत्म हो और विश्वास पैदा हो। अन्यथा हम सभी जनप्रतिनिधि एवं जनता को बाध्य होकर आन्दोलन को तेज करना पड़ेगा, जिसकी सारी जवाबदेही प्रशासन की होगी। प्रेस वार्ता पूर्व सरपंच योगेंद्र यादव, प्रमुख प्रतिनिधि विवेक कुमार भी मौजूद थे।