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ईश्वर की भक्ति के बिना जीव सुखी नहीं हो सकता :-स्वामी नरेशानंद जी महाराज  - Kosi Times
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  • ईश्वर की भक्ति के बिना जीव सुखी नहीं हो सकता :-स्वामी नरेशानंद जी महाराज 

    मधेपुरा ब्यूरो बीते शुक्रवार को चौसा प्रखंड के सहोरा टोला में एक दिवसीय संतमत सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर महर्षि मेही आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर से आए संत महात्माओं ने सत्संग और धर्म अध्यात्म पर चर्चा की।संतमत सत्संग कार्यक्रम देर शाम सम्पन्न हुआ। सत्संग कार्यक्रम दो पाली में आयोजित किया गया।स्तुति, विनती के


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    मधेपुरा ब्यूरो

    बीते शुक्रवार को चौसा प्रखंड के सहोरा टोला में एक दिवसीय संतमत सत्संग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अवसर पर महर्षि मेही आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर से आए संत महात्माओं ने सत्संग और धर्म अध्यात्म पर चर्चा की।संतमत सत्संग कार्यक्रम देर शाम सम्पन्न हुआ। सत्संग कार्यक्रम दो पाली में आयोजित किया गया।स्तुति, विनती के साथ सत्संग आरंभ हुआ, जबकि आरती कार्यक्रम के साथ समापन हुआ।इस दौरान सत्संग में काफी संख्या में सत्संग प्रेमियों की भीड़ लगी रही।

                             सत्संग कार्यक्रम में महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के शिष्य के स्वामी नरेशानंद जी महाराज ने सत्संग वाचन करते हुए कहा कि बिना ईश्वर भक्ति के जीव भवसागर पार नहीं कर सकता है। ईश्वर की भक्ति के बिना जीव सुखी नहीं हो सकता है।ईश्वर की भक्ति करने के लिए सत्संग अति आवश्यक है।बिना सत्संग के हम ईश्वर भक्ति को नहीं जान सकते हैं।शिव, ब्रह्मा, सनकादिक मुनि, सुखदेव मुनि, नारद ऋषि, वेद और पुराण सबों का विचार यही है कि बिना ईश्वर भक्ति से जीव का पूर्ण कल्याण नही हो सकता है।

    स्वामी रामोतार बाबा ने कहा कि सत्संग के माध्यम से ज्ञान हासिल कर मानव अपना जीवन सफल बना सकता है। इसके लिए एक क्रियायोग है। जिसे करने से वह बंधन मुक्त हो जाता है। इस विधि का अभ्यास गुरू के सामने करना चाहिए। अगर पूर्ण समर्पित साधक हैं तो सुबह शाम योग करें।

    स्वामी ज्ञानचंद बाबा ने कहा कि ईश्वर ने मानव रूपी शरीर दिया है। यह मानव शरीर पूर्व जन्मों की कठिन तपस्या से प्राप्त होता है। मानव को अपना जीवन व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। अपने दैनिक कार्याें में लीन रहते हुए समय निकालकर भगवत भजन में शामिल होना चाहिए ताकि मन को शांति व आत्मीय सुख प्राप्त हो सके। उन्होंने ने कहा कि संत्संग के द्वारा संतों के शरण में आकर मनुष्य को ईश्वर तक पहुंचने का अवसर प्राप्त होता है। इसलिए मुनष्य को सत्संग में शामिल होकर अध्यात्मीय लाभ उठाना चाहिए।
    सत्संग कार्यक्रम को स्वामी संजय बाबा,स्वामी रूदल बाबा,स्वामी अर्जुन बाबा ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो गौरीशंकर भगत ने की।मौके पर आयोजन समिति के दिनेश साह,कल्याणी कुमारी, प्रो सुरेश साह,अखिलेश साह,संजीवानंद, प्रतिभा गुप्ता,सुधा गुप्ता,प्रशांत कुमार, नरेश साह,गोपाल साह, दीपक कुमार साह,बीरबल पासवान,डॉ मनोज कुमार मंडल, डॉ मनमोहन मनीष समेत दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।

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