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कोसी दियारा में दुर्लभ पक्षियों का हो रहा शिकार, सज रही महफिल - Kosi Times
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  • कोसी दियारा में दुर्लभ पक्षियों का हो रहा शिकार, सज रही महफिल

    मधेपुरा। कोसी दियारा में इन दोनों दुर्लभ पक्षियों का धड़ल्ले से शिकार हो रहा है। चर्चा है कि ठंड के मौसम में आए दिन वहां शिकारी के साथ कैंप लगाया जा रहा है। दिन में इन दुर्लभ और संरक्षित पक्षियों का शिकार किया जाता है और रात में महफिल सजती है। मजे की बात है


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    मधेपुरा। कोसी दियारा में इन दोनों दुर्लभ पक्षियों का धड़ल्ले से शिकार हो रहा है। चर्चा है कि ठंड के मौसम में आए दिन वहां शिकारी के साथ कैंप लगाया जा रहा है। दिन में इन दुर्लभ और संरक्षित पक्षियों का शिकार किया जाता है और रात में महफिल सजती है। मजे की बात है कि शिकार में जिले के कुछ गणमान्य के अलावा बाहर से भी माननीय और कुछ पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। इसी तरह के एक कैंप का वीडियो और फोटो बड़ी तेजी से कई दिनों से वायरल हो रहा है। इस फोटो वीडियो में शिकार की गई पक्षियों व जानवर तो नजर आ ही रहे हैं। रात में डीजे की धून पर बार बालाओं के लग रहे ठुमके की नजर आ रहे हैं। फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग हरकत में आया है। बताया जा रहा है कि वन विभाग की टीम ने घटनास्थल की जांच भी की है। स्थानीय लोगों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है।

    31 दिसंबर को लगा था कैम्प, सजी थी महफ़िल : बताया जा रहा है कि आलमनगर प्रखंड के सोनामुखी पंचायत के हरजोड़ा घाट में 31 दिसंबर को शिकारी कैंप लगा था। दिनभर इन दुर्लभ और संरक्षित पक्षियों का शिकार किया गया रात में सजी महफिल में खूब मौज मस्ती की गई। इन माननीयों के रात में ठहरने के लिये बकायदा टेंट लगाया गया था। वाहनों के काफीले से अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब एक दर्जन से अधिक माननीय और अधिकारी वहां पहुंचे थे। इनकी सेवा सत्कार के लिये अलग से कई लोग मौजूद थे।  स्थानीय लोगों की माने तो इस कैंप में आलमनगर के एक माननीय के अलावा खगड़िया जिले के भी एक-दो माननीय के साथ पटना से आए एक-दो पदाधिकारी भी शामिल हुए थे।

    इन पक्षियों का हुआ था शिकार : शिकारी के हाथों मारे गए पक्षियों में कुछ स्थानीय तो कुछ प्रवासी पक्षी हैं। इसमें यूरेशियन स्पून बिल और ब्लैक हेडेड व्हाइट एल्बीस स्थानीय पक्षी हैं जबकि रेड सैंक और ग्रीन सैंक जिसे स्थानीय भाषा में चाहा कहा जाता है, दोनों प्रवासी पक्षी हैं। वन विभाग के एक पदाधिकारी के अनुसार यह सभी पक्षी संरक्षित हैं। इसके अलावा जंगली सुअर का शिकार भी किया गया था।

    इस सम्बन्ध में रेंजर सुनील सिंह ने बताया कि दुर्लभ पक्षियों के शिकार की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई है। जांच की जा रही है। इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्सा नहीं जाएगा। सभी के  खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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