मधेपुरा/ जिला मुख्यालय के खेदन चौक पर तीन दिवसीय मां चैती दुर्गा महोत्सव के दुसरे दिन देर रात तक स्थानीय कलाकार के साथ-साथ बाहर से आए हुए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीत नृत्य की प्रस्तुति से दिल जीत लिया। इसी कड़ी में सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने असत्य पर सत्य की जीत नृत्य-नाटिका के जरिए संदेश मूलक प्रस्तुति दिया ।
नाटक में कलाकारों ने दिखाया महिषासुर ने इन्द्रलोक पर आक्रमण कर इन्द्रदेव को पराजित कर स्वर्ग को अपने अधीन कर लिया।सब देवताओं ने मिलकर देवी शक्ति को सहायता के लिए पुकारा और इतने में ही सब देवताओं के शरीर में से निकले तेज ने एक अत्यंत खूबसूरत सुंदरी का रूप ले लिया। देवी का रूप देखकर महिषासुर उनके प्रति बहुत आकर्षित होने लगा और अपने विवाह का प्रस्ताव देवी को दिया।महिषासुर की इस हरकत ने देवी भगवती को अत्याधिक आक्रोशित कर दिया, उन्होंने महिषासुर को युद्ध के लिए ललकारा।
या तो पाताल लोक चला जाए या फिर अपनी मृत्यु के लिए तैयार रहे।
युद्ध की ललकार सुनकर महिषासुर भगवती से युद्ध करने के लिए तैयार हो गया। एक-एक करके महिषासुर की संपूर्ण सेना का सर्वनाश हो गया। असुर सम्राट ने विभिन्न रूप धककर भगवती देवी को छलने की कोशिश की। लेकिन उसकी सब कोशिश नाकाम रही, देवी भगवती ने अपने त्रिशूल से महिषासुर की सिर काट डाला। इस तरह देवी भगवती के हाथों उसकी मृत्यु हो गया।
नृत्य-नाटिका के मुख्य भूमिका थे युवा रंगकर्मी और निदेशक बिकास कुमार,शिवम् कुमार, स्नेहा कुमारी, अनुपम कुमारी, रेशमी कुमारी,पल्लवी कुमारी आदि। बेहतरीन मंचन को सफल बनाने में संस्था सदस्य सौरभ सुमन, लक्ष्मी कुमारी, अभिलाषा कुमारी और सौम्य कुमार ने अहम भूमिका निभाया।