मधेपुरा/ आज संयुक्त कृषि भवन, मधेपुरा के सभागार में “रबी कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप” का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी मधेपुरा, जिला उद्यान पदाधिकारी मधेपुरा, उप परियोजना निदेशक (आत्मा), उप निदेशक कृषि अभियंत्रण, वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान कृषि विज्ञान केन्द्र मधेपुरा तथा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मधेपुरा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र, मधेपुरा के वैज्ञानिकों द्वारा रबी फसलों में कीट एवं व्याधि प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने उन्नत कृषि पद्धतियों, नवीन तकनीकों तथा फसलों में लगने वाले रोगों के प्रभावी उपचार पर विशेष चर्चा की।
जिला कृषि पदाधिकारी, मधेपुरा रितेश रंजन ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते मौसम चक्र को देखते हुए परंपरागत कृषि पद्धति में आवश्यक बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने जलवायु अनुकूल खेती, वैज्ञानिक सलाह, एवं यांत्रिकरण को अधिक उत्पादन का प्रमुख आधार बताया। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि फसल लगाने से पूर्व कृषि वैज्ञानिकों से परामर्श अवश्य लें।
उप परियोजना निदेशक (आत्मा) ने किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रशिक्षण एवं परिभ्रमण से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी। उप निदेशक कृषि अभियंत्रण द्वारा यंत्रीकरण योजना के विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डाला गया। जिला उद्यान पदाधिकारी ने उद्यानिकी से संबंधित योजनाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को प्रदान की।
कार्यक्रम में कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के पदाधिकारी–डॉ. सुरेन्द्र चौरसिया, ई. गौतम कुमार, रंजीत कुमार, कुंदन कुमार, डॉ. आर.पी. शर्मा, राहुल कुमार वर्मा, शंकर कुमार, पंकज कुमार पचेरिया सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए सैकड़ों प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
रबी मौसम में वैज्ञानिक तकनीक के प्रयोग, रोग नियंत्रण एवं बेहतर कृषि प्रबंधन की दिशा में यह वार्तालाप अत्यंत उपयोगी साबित हुआ।














