दिल्ली ब्यूरो
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का आज गुरुवार 12 सितंबर को निधन हो गया। वे सांस की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में करीब एक महीने से वह भर्ती थे।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। यह संक्रामक रोग विशेष रूप से बच्चों, वृद्धों और प्रतिरक्षा प्रणाली विकार वाले लोगों के लिए खतरनाक और जानलेवा माना जाता है।
सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा थे। सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त, 1952 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता एसएस येचुरी आंध्र प्रदेश परिवहन विभाग में इंजीनियर थे। मां कलपक्म येचुरी सरकारी कर्मचारी थीं।
येचुरी का पालन-पोषण हैदराबाद में हुआ। हैदराबाद के ऑल सैंट हाईस्कूल से शुरुआती पढ़ाई पूरी की। इसके बाद साल 1969 में आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए। यहां प्रेसिडेंट स्कूल नई दिल्ली में दाखिला लिया। सीताराम ने 12वीं की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया था।
सीताराम येचुरी साल 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) में शामिल हुए। वह साल 1975 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से जुड़े थे।
आपातकाल के बाद वह एक साल में 1977-78 में तीन बार जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। सीताराम येचुरी एसएफआई के ऐसे पहले अध्यक्ष थे, जो केरल या बंगाल से नहीं थे। वह 1984 में सीपीआई-एम की केंद्रीय समिति के लिए चयनित हुए। साल 1986 में उन्होंने एसएफआई छोड़ दी।
सीताराम येचुरी 1992 में 14वीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए चुने गए। जुलाई, 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुनकर संसद पहुंचे।
येचुरी को 19 अप्रैल 2015 को सीपीआई-एम CPI(M) का पांचवां महासचिव बनाया गया। अप्रैल 2018 में उन्हें फिर से पार्टी का महासचिव चुना गया। अप्रैल 2022 में येचुरी लगातार तीसरी बार सीपीआई एम के महासचिव बने थे। बता दें कि सीताराम येचुरी की पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आईएनडीआई गठबंधन का हिस्सा थी।