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  • दुष्कर्म मामले की जांच करने गई पुलिस को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

    मधेपुरा। एक तरफ कोसी रेंज के डीआईजी मनोज कुमार पुलिसकर्मियों को जनता की संतुष्टि ही पुलिस के बेहतर काम की पहचान का पाठ पढ़ा रहे थे तो दूसरी तरफ पुलिस की कार्यशैली से असंतुष्ट ग्रामीण पुलिसकर्मियों को बंधक बनाए हुए थे। मामला आलमनगर थाना क्षेत्र के रतवारा सहायक थाना से जुड़ा हुआ है। घटना गुरुवार


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    मधेपुरा। एक तरफ कोसी रेंज के डीआईजी मनोज कुमार पुलिसकर्मियों को जनता की संतुष्टि ही पुलिस के बेहतर काम की पहचान का पाठ पढ़ा रहे थे तो दूसरी तरफ पुलिस की कार्यशैली से असंतुष्ट ग्रामीण पुलिसकर्मियों को बंधक बनाए हुए थे। मामला आलमनगर थाना क्षेत्र के रतवारा सहायक थाना से जुड़ा हुआ है।

    घटना गुरुवार दोपहर की है। पुलिस की कार्यशैली से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस को ना सिर्फ घंटो रोके रखा बल्कि उनके वाहन की टायर का हवा भी निकाल दिया। बाद में इंस्पेक्टर के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस के पहुंचने के बाद बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को वहां से निकला गया।

    बताया जा रहा है कि एक विवाहिता के अपहरण के बाद उसके साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत की जांच करने पुलिस उस गांव में गई थी। पीड़िता के परिजनों का आरोप था है कि आवेदन देने के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं जब मामले की जानकारी लेने कुछ ग्रामीण गुरुवार को थाना गए तो पुलिस ने उन्हें वहां रोक लिया। इससे अनहोनी की आशंका से ग्रसित ग्रामीणों ने जांच के लिए गई पुलिस को रोक लिया।

    दारोगा पर लगा आरोपियों को बचाने का आरोप : पीड़िता के परिजनों का कहना था कि एक युवक उनकी विवाहित पुत्री को बहला-फुसला कर मंगलवार को आलमनगर ले गया। वहां से उसे जबरन बस पर बैठ कर किसी दूसरी जगह ले जाया गया। इसे बाद उसके साथ दो लोगों ने गलत काम काम किया। जब परिजनों ने पुलिस से शिकायत की तो थाना प्रभारी बुधवार की देर रात लड़की को घर पहुंचा गए लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। आवेदन भी दिया गया बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई। इधर, गुरुवार को जब चार-पांच ग्रामीण मामले की जानकारी लेने थाना पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें वहां बैठा लिया। उधर, गांव में खबर आई कि थाना पर गए लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है। फिर क्या था, ग्रामीण आक्रोशित हो गए और जांच के लिये गांव पहुंचे सभी पुलिसकर्मियों को रोक लिया। उनकी जीप की टायर की हवा भी निकाल दी।

    सूचना मिलने के बाद इंस्पेक्टर सुरेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में आलमनगर के प्रभारी थानाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी, पुरैनी थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, फुलौत ओपी के अमित कुमार हिमांशु भारी संख्या में पुलिस बल लेकर वहां पहुंचे। इंस्पेक्टर ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को वापस आने दिया।

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