मधेपुरा/ बीएनएमयू सिंडीकेट की बैठक विश्वविद्यालय मुख्यालय के स्थान पर सुपौल में आयोजित किए जाने पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने प्रेस बयान जारी कर नाराजगी जाहिर की ।
गुरुवार को एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि बीएनएमयू प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने के लिय , छात्रों और कर्मचारियों के सवालों से बचने के लिय सिंडीकेट की बैठक विश्वविद्यालय मुख्यालय से बाहर किया जा रहा है। ताकि छात्रों और कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ विरोध से बचा जाए ।विश्वविद्यालय प्रशासन की यह कृत्य बहुत निंदनीय है । विवि प्रशासन अपने कर्तव्यों से भाग रही है ।
आगे जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू के स्थापना काल से अभी तक हमेशा सिंडीकेट की बैठक विश्वविद्यालय मुख्यालय में ही आयोजित करने की परंपरा रही है । उन्होंने कहा कि बिहार के अन्य विश्वविद्यालय में भी सिंडीकेट की बैठक विश्वविद्यालय मुख्यालय में ही आयोजित किया जाता है। विश्वविद्यालय प्रशासन को सामने आकर इसका जवाब देना चाहिए ।
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं का अंबार लगा हुआ है । एनएसयूआई ने लगातार छात्र – छात्राओं के समस्याओं को मांगपत्र के जरिए विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखने का काम किया है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रहित के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था नहीं है । मूल प्रमाण पत्र के लिय महीनों छात्र विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर है । स्पेशल टेबलेटर के अभाव में परीक्षा परिणाम में पेंडिंग की समस्याओं का समय पर निष्पादन नही हो रहा है । छात्र परेशान है । विवि परिसर में अपने कामों से आने वाले छात्र – छात्राओ के बैठने के लिय इकलौते सेड की कुर्सियां लंबे समय तक गायब थी । अब कुर्सियां तो लगा दी गई है लेकिन एक पंखे तक नहीं लगाया है । साथ ही नए परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के कोई इंतजाम नहीं है ।
कहा प्रतिदिन छात्र – छात्राएं किसी अनचाहे घटना से आशंकित रहते है । सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि विश्वविद्यालय में लंबे समय से छात्र संघ चुनाव और सीनेट के चुनाव नही करवाया है जिसके कारण विश्वविद्यालय के नीति निर्माण में छात्र प्रतिनिधि का कोई दखल नहीं रहता है । यह सरासर छात्रों के लोकतांत्रिक हितों का हनन है ।
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय का अस्पताल दर्शनीय स्थल बना हुआ है जहां न कोई डॉक्टर है और न ही कभी खोला जाता है । छात्र हित के प्रति वि.वि प्रशासन की संवेदनहीनता छात्र संगठन एनएसयूआई को आंदोलन के लिय बाध्य कर रही है।