लालमोहन कुमार/जानकीनगर, पूर्णिया/ बनमनखी के ताम्रपत्र से सम्मानित स्वतंत्रता सैनानी स्व. प्रयाग दास की पौत्री मुनचुन कुमारी स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिचय पत्र के लिए वर्ष 2016 से सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाते-लगाते थक चुकी है। लेकिन आजतक उन्हें सरकारी बाबू इन्साफ तो नहीं दे पाएं हैं, लेकिन हर बार आश्वासन का झुनझुना जरुर थमा देते है.
इस बाबत पीड़ित मुनचुन कुमारी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्रालय भारत सरकार, मुख्यमंत्री बिहार, उप सचिव सह उप निदेशक (प्र.) प्रभारी, स्वतंत्रता सैनानी प्रभाग गृह विभाग (विशेष शाखा) बिहार, प्रमंडलीय आयुक्त पूर्णियां, जिलाधिकारी पूर्णियां को बाय पोस्ट और मेल के जरिये पत्र प्रेसित किया गया है। प्रेसित पत्र में पीड़िता ने कहा है कि मैं स्वतंत्रता सेनानी स्व. प्रयाग दास का पौत्री हूँ। मैं शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हूँ तथा मेरी योग्यता अन्तर स्नातक विज्ञान है। स्वतंत्रता सेनानी की पौत्री होने के बाबजूद भी मुझे आजतक परिचय पत्र निर्गत नहीं हुआ है। जिसके वजह से 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ से वंचित हो रहे हैं। उ
पीछले ढेड़ महिना में तीन बार डीएम से लगाई गुहार, मगर नहीं मिला कोई जबाब : पीड़िता मुनचुन कुमारी ने जिलाधिकारी पूर्णियां को स्वतंत्रता सेनानी पेंशनधारी उत्तराधिकारी परिचय पत्र के लिए विगत 9 जून आवेदन दिया। लेकिन दिये गए आवेदन पर किसी प्रकार का कोई जबाब नहीं मिला। इसके बाद फिर से 15 दिन बाद 23 जून को आवेदन दिया। उसका भी कोई जबाब नहीं मिला। पटना से मार्गदर्शन मिलने के बाद पुनः 15 दिन बाद 7 जुलाई को मार्गदर्शन, पी.पी.ओ. सहित आवेदन जिलाधिकारी के नाम से प्रेसित किया गया। लेकिन तीन पत्र प्रेसित करने के बाबजूद भी किसी पत्र का कोई जबाब कार्यालय से नहीं मिला है।
डीएम से नहीं मिला इंसाफ अब मुख्यमंत्री के जनता दरबार में लगाऊंगी फरियाद : पीड़िता मुनचुन कुमारी ने कहा वर्ष 2016 से आजतक कई बार जिलाधिकारी के नाम से पत्र देकर अपनी बेबसी एवं लाचारी का व्यथा सुनाई हूँ। लेकिन डीएम साहब इस गरीब का कोई तर्जी नहीं दिया तो अब हम थकहार कर मुख्यमंत्री जनता दरबार कार्यक्रम के लिए आवेदन कर दिया हूँ। अब मुख्यमंत्री से हीं अपनी लाचारी सुनाऊंगी।