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  • चौसा को मिलेगा अनुमंडल का दर्जा, सरकार ने मांगी रिपोर्ट

    मधेपुरा प्रतिनिधि पिछले दो दशक से चौसा प्रखंड को अनुमंडल का दर्जा देने की माँग कर रहे संघर्ष समिति व स्थानीय लोगों की उम्मीदें अब परवान चढ़ती दिख रही हैं। बिहार सरकार ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन के अपर मुख्य सचिव से रिपोर्ट माँगी है जिससे क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज़ हो


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    मधेपुरा प्रतिनिधि

    पिछले दो दशक से चौसा प्रखंड को अनुमंडल का दर्जा देने की माँग कर रहे संघर्ष समिति व स्थानीय लोगों की उम्मीदें अब परवान चढ़ती दिख रही हैं। बिहार सरकार ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन के अपर मुख्य सचिव से रिपोर्ट माँगी है जिससे क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज़ हो गई है।
    गौरतलब है कि अनुमंडल संघर्ष समिति चौसा के संरक्षक सह वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी बिनोद आशीष के सक्रिय पहल पर राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था कि, नवगछिया को राजस्व जिला और वर्ष 1957 में स्थापित चौसा प्रखंड को अनुमंडल का दर्जा मिलना चाहिए क्योंकि चौसा अनुमंडल बनने की सारी अहर्ता को पूरा करता है। परिणाम स्वरूप मुख्यमंत्री सचिवालय के द्वारा आधिकारिक तौर पर पत्र लिखकर सूचित किया गया कि इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को रिपोर्ट देने को कहा गया है ताकि आगे की कारवाही की जा सके ।

    सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन से भी इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी ताकि इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा सके। मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र में यह भी कहा गया है कि इस संबंध में समुचित करवाई करके राज्यसभा सांसद मनोज झा और मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया जाय।
    सनद रहे कि समाजसेवी सह पत्रकार बिनोद आशीष वर्षों से चौसा को अनुमंडल और भटगामा को प्रखंड बनाए जाने की माँग को लेकर क्षेत्र के बुद्धिजीवियों, युवाओं, कलाकारों, पत्रकारों, साहित्यकारों, व्यवसायियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच जागरूक प्रहरी के तौर पर साथ चलते रहे हैं। वहीं अनुमंडल संघर्ष समिति के संरक्षक डॉ नवल किशोर जायसवाल, अध्यक्ष अजय कुमार खुशबू , सचिव कुंदन घोषईवाला, कार्यकारिणी सदस्य विनोद आजाद ,संजय कुमार सुमन, कोषाध्यक्ष सुनील अमृतांशु, प्रवीण प्यारेलाल, बीरेंद्र वीरू, कैलाश यादव, कृत्यानंद यादव ,राहुल राज, कृष्णा झा, शशि यादव, पूर्व पंसस दिनेश शर्मा, विनोद पाटिल आदि सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वर्षों से संघर्ष करते रहे हैं। श्री आशीष गांव गांव जाकर लोगों से इस विषय पर चर्चा भी कर रहे हैं जिसमें लोगों का अपार समर्थन भी मिल रहा है ।


    श्री आशीष ने राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज कुमार झा से मुलाकात कर अपनी माँगों को मजबूती के साथ उनके समक्ष उठाया। अब जब सरकार की ओर से औपचारिक कार्रवाई शुरू हो चुकी है, तो क्षेत्रवासियों को जल्द ही बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है।

    नेतृत्व का असर, संघर्ष समिति में उत्साह

    मुख्यमंत्री सचिवालय से पत्र प्राप्त होने के बाद बिनोद आशीष ने एक औपचारिक बैठक आयोजित कर यह खुशखबरी जनता के साथ साझा की। उन्होंने सांसद महोदय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, ” उन्होंने हमारी आवाज को उठाया और सरकार तक हमारी जायज मांगों को पहुँचाया है। यह माँग वर्षों पुरानी है और पूरी तरह से न्यायोचित भी है। यह हमारा हक है और हम इसे लेकर रहेंगे। जब तक हमारी माँग पूरी नहीं होती, हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। ”
    सूत्रों के अनुसार चौसा और पुरैनी के साथ भटगामा या नयानगर को प्रखंड बना कर इस अनुमंडल में जोड़ा जा सकता है। बता दें कि, एक प्रखंड को भी अनुमंडल बनाने की भी परंपरा रही है जिसका जीता जागता उदाहरण पूर्णियां जिला का बनमनखी अनुमंडल है। सूत्रों की माने तो नवगछिया को राजस्व जिला घोषित कर चौसा को अनुमंडल बनाया जा सकता है। क्योंकि कोसी के उत्तर भाग में एक मात्र चौसा ही ऐसा प्रखंड है जो अनुमंडल बनने की शर्त को पूरा करता है। चौसा तत्काल पुलिस जिला नवगछिया मुख्यालय के बेहद करीब भी है और चौसा प्रखंड के अंदर लौवालगान और भटगामा के बीच राज्य सरकार की करीब 175 एकड़ जमीन भी उपलब्ध है। कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि चौसा तकनीकी और भौगोलिक रूप से भी अनुमंडल बनने की सारी अहर्ताएं को पूरी करता है।अनुमंडल की स्थापना से इस क्षेत्र के विकास में एक नया आयाम स्थापित होगा ।पलायन, बेरोजगारी और प्रतिवर्ष बाढ का दंश झेल रहा यह आने वाले समय में विकास की नई इबारत लिखेगा।
    सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार सुमन ने कहा कि चौसा प्रखंड को अनुमंडल बनाने की मांग लंबे समय से होती आ रही है।अनुमंडल नहीं होने के कारण जनता को छोटी-छोटी समस्याओं के निबटारे के लिए 23 किमी दूर जाना पड़ता है।सबसे अधिक परेशानी गरीबों, बुजुर्गों व महिलाओं को होती है। अनुमंडल बनने से न सिर्फ प्रशासनिक कार्यो में तेजी आयेगी, बल्कि क्षेत्र का विकास भी होगा। प्रखंड के लोग मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं।यह प्रखंड अनुमंडल बनने के लिए सभी अर्हता को पूरा करता है।
    संघर्ष समिति के अध्यक्ष अजय खुशबू सचिव कुंदन घोषईवाला ने कहा कि हजारों सक्रिय कार्यकर्ताओं की भागीदारी, संघर्ष समिति के जनआंदोलन को मिले भरपूर समर्थन का ही परिणाम है कि, आज सरकार को इस विषय में सोचने को मजबूर होना पड़ा ।
    बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और युवाओं ने बिनोद आशीष को विकास का सारथी कहा जिनमें अधिवक्ता दयानंद यादव, समिति के अध्यक्ष अजय खुशबू, सचिव कुंदन घोषईवाला, कबड्डी के राष्ट्रीय रेफरी अरुण कुमार, कृत्यानंद यादव, कृष्णा कुमार, नीरज गुप्ता, मंटू झा, रामनरेश पासवान, पूर्व पंचायत समिति सदस्य दिनेश शर्मा, त्रिभुवन कुमार, गुलचरण पासवान, छोटू झा, रामदेव ऋषिदेव, राजेश यादव, धीरेन्द्र चौधरी, अजय चौधरी, ज्योतिष यादव, लालू ठाकुर, विद्यानंद सिंह, रमेश मंडल, दिलीप यादव ,सोनू यादव ,दिनेश मंडल ,सुधीर सिंह , मोहम्मद खालिद , मोहमद रऊफ ,मो इमदाद,राजीव सिंह ,बृजेश निराला , कैलाश यादव, दिलीप जोशी और मुकेश कुमार ने माननीय राज्यसभा सांसद मनोज झा और बिनोद आशीष को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया है।

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