Kosi Times
तेज खबर ... तेज असर

हमने पुरानी ख़बरों को archieve पे डाल दिया है, पुरानी ख़बरों को पढ़ने के लिए archieve.kositimes.com पर जाएँ।

Browsing Category

Others

ठाकुरबाड़ी में देवोत्थान दीपावली का आयोजन,दीप प्रज्वलित कर किया गया उदघाटन

मधेपुरा प्रतिनिधि जिले के चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी में देव दीपावली का आयोजन किया गया।इस मौके पर ठाकुरबाड़ी को दीपों से सजाया गया…

विद्यालय में सिख धर्म गुरु नानक एवं विरसा मुंडा की जयंती का आयोजन

मधेपुरा प्रतिनिधि महान संत गुरु नानक एवं बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में आज शुक्रवार को जिले के कन्या मध्य विद्यालय चौसा में…

प्रमाण पत्र बनाने में आरटीपीएस कर्मी मांगते हैं रुपया

मधेपुरा ब्यूरो जिले के पुरैनी प्रखंड मुख्यालय स्थित आरपीएस कर्मी रोशन कुमार पर आपत्तिजनक शब्द एवं रिश्वत मांगने को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी को…

चौसा में तैराकी प्रतियोगिता का आयोजन, दर्जनों युवाओं ने भाग लेकर किया प्रतिभा का प्रदर्शन     

मधेपुरा ब्यूरो                                                      सूर्योपासना का महापर्व छठ के शुभअवसर पर जिलान्तर्गत चौसा प्रखंड के चिरौरी पंचायत…

लोक आस्था का महापर्व छठ-भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही हुआ संपन्न

मधेपुरा ब्यूरो लोक आस्था का महापर्व छठ भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही आज शुक्रवार को चौसा के विभिन्न छठ घाटों पर शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।…

चौसा के विद्यालय में बच्चों ने मनाया छठ,दिखा भक्ति का रंग

मधेपुरा ब्यूरो आस्था के महापर्व छठ पूजा को धूमधाम से मनाने की तैयारी जारी है।चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के कई विशेष नियम हैं। नहाय खाय से इस…

सूर्योपासना का महापर्व छठ: क्या है वैज्ञानिक,ऐतिहसिक और सामाजिक महत्व ?

यह सत्य ही कहा जाता है कि भारत पर्वों, व्रतों, परम्पराओं और रीति-रिवाजों का देश है। यहां शायद ही ऐसा कोई महीना बीतता हो जिसमें कोई व्रत या पर्व न…

पौधारोपण कर लोगों को दिया ‘ईको फ्रेंडली’ दीपावली का संदेश

मधेपुरा ब्यूरो एक तरफ देश में दीपावली के दिन बड़े पैमाने पर पटाखा जलाकर लोग वायुमंडल को प्रदूषित करने का काम करते हैं, वहीं दूसरी ओर जिले के चौसा…

दीपावली पर पटाखे फोड़ने की परंपरा की शुरुआत कैसे हुई?

दिवाली पर आतिशबाजी करने या पटाखे जलाने की परंपरा का कोई प्रमाण धार्मिक ग्रंथों में नहीं मिलता है। ऐसे में सवाल यह है कि, फिर ये परंपरा किसकी देन…