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शाहाना परवीन और हेमलता म्हस्के सहित 13 लेखकों की पुस्तकें हुई शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान से हुई सम्मानित

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ब्यूरो नई दिल्ली/सविता चड्ढा जन सेवा समिति, दिल्ली द्वारा हिन्दी भवन में चार महत्वपूर्ण सम्मान प्रदान किए गए । अपनी बेटी की याद में शुरू किए सम्मानों में, अति महत्वपूर्ण “हीरों में हीरा सम्मान” इस बार गांधीवादी विचारक प्रसून लतांत को, साहित्यकार सम्मान साहित्यकार एवं प्रकाशक डॉ संजीव कुमार और शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान श्रीमती शाहाना परवीन, श्रीमती रंजना मजूमदार को गीतकारश्री सम्मान के साथ हेमलता म्हस्के सहित 13 लेखकों की पुस्तकें भी सम्मानित की गईं । ये सम्मान महामहोपाध्याय आचार्य इंदु प्रकाश और श्री इंद्रजीत शर्मा ने दिया।श्री अनिल जोशी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की ।

शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान समारोह की संस्थापक एवं महासचिव एवं साहित्यकार सविता चड्ढा ने श्रीमती शाहाना परवीन को सम्मान के साथ साथ पाँच हज़ार एक सौ रुपए की नकद राशि भी प्रदान की और देश भर से पधारे लेखकों, कवियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ये सम्मान माँ और बेटी के मधुर संबंधों को समर्पित है।

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इस अवसर पर प्रसून लतांत ने स्वयं को हीरों मे हीरा सम्मान दिये जाने पर समिति का आभार व्यक्त किया और सभा को संबोधित करते इन सम्मानों को दिए जाने को साहित्य में सकारात्मकता के रूप में लिए जाना कहा। अपनी बेटी के लिए पिछले सात साल से प्रारम्भ इन सम्मानों के लिए सविता जी की सराहना की । इस अवसर पर डॉ.संजीव कुमार, डॉ स्मिता मिश्रा। शकुंतला मित्तल ने अपने विचार रखें और इन सम्मानों की निष्पक्षता और चुने जाने की प्रक्रिया अपनी बात कही ।

इस वर्ष प्राप्त पुस्तकों में से अन्य 14 लेखकों की पुस्तकों का चयन भी किया था। इस अवसर पर डॉ विनय सिंघल निश्छल को उनकी पुस्तक, संबंध, व्यक्त अव्यक्त, श्रीमती नाज़रीन अंसारी को ,मां और लफ्जों का संगम पुस्तक के लिए श्रीमती अर्चना कोचर, को तपती ममता में गूंजती किलकारियां संग्रह के लिए ,श्रीमती आशमा कौल को स्मृतियों की आहट के लिए श्री राही राज को उनकी पुस्तक पिता के लिए श्रीमती कमल कपूर को जिएं तो गुलमोहर के तले, के लिए श्रीमती रत्ना भादोरिया को “सामने वाली कुर्सी” के लिए ,डॉ पुष्पा सिंह बिसेन को उनके उपन्यास “भाग्य रेखा” के लिए श्रीमती अंजू कालरा दासन ‘नलिनी’ को उनके संग्रह “आईना सम्बन्धों का” के लिए श्रीमती यति शर्मा को उनकी पुस्तक “आधी रात की नींद”, श्रीमती हेमलता म्हस्के को “अनाथों की माँ सिंधुताई” के लिए शिल्पी चड्ढा स्मृति सम्मान समारोह ” में सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर जापान, लंदन, अमेरिका के आलावा दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, मध्य प्रदेश, लखनऊ,आगरा, राजस्थान, मुरादाबाद, इंदौर,बैंगलोर , पंजाब, नोएडा और दिल्ली के साहित्यकार और गणमान्य उपस्थित थे । कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ कल्पना पांडेय ने किया ।

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