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मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी सेविका - Kosi Times
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  • मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी सेविका

    सिंहेश्वर, मधेपुरा/ प्रखंड कार्यालय परिसर में बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रखंड आंगनवाड़ी सेविका संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गई. अनिश्चितकालीन हड़ताल की अध्यक्षता कर रही प्रखंड अध्यक्ष विभा कुमारी ने बताया कि बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के द्वारा पांच सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी सेविकाएं अनिश्चितकालीन


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    सिंहेश्वर, मधेपुरा/ प्रखंड कार्यालय परिसर में बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रखंड आंगनवाड़ी सेविका संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गई. अनिश्चितकालीन हड़ताल की अध्यक्षता कर रही प्रखंड अध्यक्ष विभा कुमारी ने बताया कि बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के द्वारा पांच सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंगनबाड़ी सेविकाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी है.

    उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका के मानदेय को दुगुना करने का वादा किया गया था. साथ ही साथ तेजस्वी यादव के द्वारा लगभग अधिकांश चुनावी सभा में भी इस आशय का आश्वासन दिया गया था. मानदेय दुगुना करने की बात तो छोड़ दिया जाए अभी तक प्रतिनिधि मंडल से मिलने तक का कष्ट नहीं किया गया है. ज्ञात हो कि वर्तमान वर्ष में जनवरी माह से लगातार तीन महीने तक संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में आहुत चरणबंद आंदोलन के दरमियान निदेशक आईसीडीएस एवं प्रधान सचिव समाज कल्याण विभाग के द्वारा दिए गए आश्वासन पर भरोसा करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चरणवद्ध आंदोलन के अंतिम चरण का राजव्यापी विशाल प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया था. तीन महीने बाद 26 जुलाई 2023 को जब संयुक्त संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल निदेशक से मिलकर सरकार द्वारा किए गए वादे को पूरा करने की मांग की गई तो, मानदेय राशि बढाये जाना तो दूर जिन अन्य आठ मांगों पर सहमति बनी थी उसे भी घिसी पिटी बात कह कर टाल दिया गया.

    ऐसी स्थिति में संयुक्त संघर्ष समिति को विवश होकर हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लेना पड़ा. उन्होंने अपनी पांच सूत्री मांगों में बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहित राशि 10 हजार रुपए सुनिश्चितकिया जाए, सुप्रीम कोर्ट का आदेश के आलोक में बिहार में ग्रेच्युटी भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए, केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमश ग्रेड सी और ग्रेड डी में समायोजित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक सेविकाओं को 25 हजार रुपए एवं सहायिका को 18 हजार रुपए मानदेय कि राशि प्रतिमाह दी जाए, योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने के प्रावधान को लागू किया जाए, सेविकाओं से पर्यवेक्षक तथा सेविका सहायिका के के रिक्त सभी पदों पर अभिलंब बहाली सुनिश्चित की जाए.

    इन सभी मांगों को लेकर सेविका सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ जम के नारेबाजी की. मौके पर सचिव रंजू कुमारी, निभा कुमारी, उमा देवी, कल्पना कुमारी, रत्ना कुमारी, अर्चना देवी, राखी कुमारी, जयमाला कुमारी, नीलम देवी, रेखा कुमारी, शोभा कुमारी आदि सैकड़ो की संख्या में सेविकाएं मौजूद थी.

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