मधेपुरा/ जिले ने स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग (SHVR) अभियान में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप है और विद्यालयों में जल, शौचालय, हाथ धोने की सुविधाएँ, रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन और Mission LiFE से जुड़ी गतिविधियों पर केंद्रित है। जिले के सभी विद्यालयों द्वारा इस अभियान को पूरी सक्रियता से लागू करने से मधेपुरा ने जिले के स्तर पर एक नई मिसाल कायम की है।
मधेपुरा जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा, “स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग कार्यक्रम में हमारी टीम ने जो सफलता अर्जित की है वह केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक मेहनत, समर्पण और एकजुटता का प्रतीक है।” डीपीओ (SSA) अभिषेक कुमार ने इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “हमें मधेपुरा जिले की इस शानदार उपलब्धि पर गर्व है। जहाँ हमने PBL और INSPIRE अवॉर्ड योजनाओं में सभी सरकारी विद्यालयों के साथ 100% सफलता हासिल की, वहीं SHVR में भी शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त की। हमारी टीम ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और हमें विश्वास है कि यह उपलब्धि जिले के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।”
डीपीओ (माध्यमिक) अंकिता दास ने कहा, “मधेपुरा न केवल हर स्कूली कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है, बल्कि सतत प्रयासों के चलते शत-प्रतिशत सफलता भी अर्जित कर रहा है। हमें अपनी टीम पर गर्व है।” संभाग प्रभारी (MIS) सुशील कुमार ने भी टीम के समर्पण और सक्रिय भागीदारी की सराहना की।
अभियान के प्रमुख नेतृत्वकर्ता शिवराज राणा ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर स्कूल को एक हराभरा और स्वच्छ मॉडल बनाना है।” प्रमुख नेतृत्व में विजय कुमार, सुधीर कुमार और दीपिका कुमारी ने भी अभियान की रणनीति व क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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जिला स्तर पर निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित करने वाली टीम में सुजीत सिंह, शैलेश चौरसिया, श्रीनिवास कुमार, जय कुमार ज्वाला, रविन्द्र कुमार रौशन, अविनाश कुमार, मृत्युंजय पाण्डेय, सपन कुमार, कोमल कुमारी और प्रणय प्रशांत जैसे समर्पित सदस्य शामिल थे।
युवा प्रतिनिधियों की श्रेणी में मिथुन कुमार गुप्ता, नीतू कुमारी, श्यामानंद कुमार, विशाल राज, दिलखुश कुमार, जीवन ज्योति, नीतेश कुमार, अनामिका कुमारी, हिमांशु कुमार और शिवानी प्रिया ने नवोन्मेषी विचारों व ऊर्जा से अभियान को नई ताजगी दी।
प्रखंड स्तरीय नेतृत्व में 13 टीम लीडर्स और सहायक कार्यरत रहे — कंचन कुमारी (आलमनगर), मोती लाल मंडल (बिहारीगंज), मनीष कुमार, पवन कुमार सिंह (चौसा), नीरज कुमार, अभिषेक कुमार (पुरैनी), मंजर आलम, बंदना कुमारी (उदाकिशुनगंज), सोनम भारती (ग्वालपाड़ा), इंग्लेश कुमार (कुमारखंड), विशाल कुमार (मुरलीगंज), रंजय कुमार (शंकरपुर), विकाश कुमार (सिंहेश्वर) तथा मधेपुरा व गम्हरिया व घैलाढ के स्थानीय प्रतिनिधि — प्रीति कुमारी, पूजा कुमारी, तनिष्का कुमारी (मधेपुरा), प्रिया कुमारी, गौरव कुमार (गम्हरिया), जटाशंकर कुमार और बाबुल कुमार (घैलाढ) ने सक्रिय योगदान दिया।
अभियान की सफलता में मार्गदर्शकों प्रेमलता, भालचंद्र मंडल और संजय कुमार की अनुभवी सलाह अति महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने टीम को दिशा और मजबूती दी।
मधेपुरा जिले की यह उपलब्धि स्थानीय नेतृत्व, सक्रिय टीम व युवा सहभागिता का परिणाम है। SHVR अभियान में मिली शत-प्रतिशत सफलता न केवल विद्यालयों के भौतिक सुधार का संकेत है, बल्कि बच्चों में स्वस्थ व्यवहार, पर्यावरण जागरूकता और समावेशी शिक्षा के प्रति जिले की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।