मधेपुरा प्रतिनिधि
गांधी पुस्तकालय चौसा में गांधीजी की 156वीं जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की 121 वीं जयंती “अहिंसा दिवस” के रूप में बड़े सम्मान और धूमधाम के साथ मनाई गई।उपस्थित बुद्धिजीवियों ने पूज्य बापू एवं शास्त्री जी के कृतत्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला औऱ उनके बताएं गए मार्गों पर चलने का संकल्प लिया।

विज्ञापन
कार्यक्रम की शुरुआत पुस्तकालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रवण कुमार पासवान द्वारा तिरंगा झंडा फहरा कर किया गया।उसके बाद उपस्थित लोगों ने बापू एवं शास्त्री जी के तसवीर पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।सामुहिक रूप से बापू के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम” का पाठ सस्वर में किया गया।संचालन सचिव विनोद आजाद ने की।
मौके पर अधिवक्ता प्रो उत्तम कुमार ने कहा कि कहा कि बापू के विचार आज भी देश को दिशा देने में सक्षम हैं।प्रो विजय गुप्ता ने कहा कि सत्य के साधक गांधी जी और सादगी की मिसाल लाल बहादुर शास्त्री का जीवन कई मायनों में एकसमान था।
साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन आदर्श हमें देश और मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।दो अक्टूबर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का सिर्फ जन्मदिन मनाने के लिए ही नहीं, बल्कि इन दोनों महान विभूतियों के जीवन मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करने का दिन है।पुस्तकालय के सचिव सह अधिवक्ता विनोद आजाद ने गांधी के जीवन और सिद्धांतों पर विचार रखे और गांधीजी के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला।
मौके पर अवधेश कुमार,धनराज भगत,पंच प्रभाष कुमार,ओमप्रकाश मेहता, इंद्रजीत प्रकाश,सांई इस्लाम,श्रीकांत मेहता सुमन,बिपीन मेहता समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।