त्रिभुवन ठाकुर/अररिया/सही दृष्टि के अभाव में समय के साथ बिहार पिछड़ता गया। बिहार के पिछड़ेपन के इन्ही सदर्भों को तथ्यात्मक रूप से आम जनता तक पहुंचाने के लिए मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और सारण सांसद राजीव प्रताप रुडी अररिया आ रहे है। अररिया के तेरापंथ भवन, आरबी लेन, फारबीसगंज में गैर राजनीतिक मंच विजन बिहार एजेण्डा 2025 (विभा-2025) द्वारा एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया गया। जिसमे संस्थापक सदस्य शंकर झा आजाद, विनोद सम्राट, धर्मेन्द्र चौहान ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।
श्री आजाद ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि गैर राजनीतिक मंच विभा- 2025 राज्य के सभी नगरों में बुद्धिजीवियों को आमंत्रित कर बिहार के पिछड़ेपन पर परिचर्चा का आयोजन कर रहा है। आयोजित परिचर्चा में तीन दशक से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय रहकर जनसेवा के विविध आयामों से आमजन को लाभान्वित करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रुही मुख्त्य वक्ता होंगे।
उन्होंने कहा कि आज तक यह जिला विकास के मानचित्र पर नहीं उभर सका। जब समुचा बिहार ही पिछड़ गया तो जिला का विकास कैसे मिले ? आज हमारे युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के लिए यहाँ से पलायन कर रहे है। यह हाल पूरे बिहार का है। प्राचीन काल से ही बिहार ने लोकतंत्र, शिक्षा, राजनीति, धर्म एवं ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को मार्गदर्शन देने का कार्य किया है। विभा-2025 बिहार का पिछड़ापन, बिहार, बिहारी और उनके विकास के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजनीतिक दलों, बुद्धिजीवियों और देश-विदेश में बसे बिहार की प्रतिभा को अपने म पर आमंत्रित कर बिहार की राजनीति में एक एजेंडा स्थापित करने के लिए संकल्पित है। विभा द्वारा अपने मंच से सभी राजनीतिक दलों को जनता के बीच अपनी बात को रखने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसी श्रृंखला में श्री राजीव प्रताप रुडी को आमंत्रित किया गया है।
श्री सम्राट ने बताया कि सांसद श्री रुडी विविध प्रतिभाओं से संपन्न राजनेता है। वे न केवल राजनीतिक जीवन नै बल्कि अन्य गतिविधियों में भी सलग्न है और दूसरे तरीकों से भी आमजन की सेवा में लगे है। बड़ी दुनिया में ऐसे इकलौते मासट है जिनका नाम लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में इसलिए दर्ज है कि दी सांसद होने के साथ-साथ एक व्यावसायिक लाइसेंसधारक पायलट भी है। इसके अलावा पठन-पाठन में रुची रखने वाले रुडी महाविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक तो है ही साथ ही पटना उच्च न्यायालय में पंजीकृत वरिष्ठ अधिवक्ता भी है।उनके अनुभव का लाभ आमजन तक पहुंच सके इसलिए मंच द्वारा उन्हें मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है।
धर्मेन्द्र चौहान ने कहा कि बिहार जो कभी देश के स्वर्णिम युग का निर्माता रहा. आज जातिवाद क्षेत्रवाद के राजनीतिक चक्रव्यूह में उलझकर इतना पीछे हो चुका है कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा एवं प्रचुर श्रमशक्ति के रहते हुए भी पिछड़ेपन के अंधकार में भटकने को विवश है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभा मंच का मुख्य उदेश्य बिहार के पिछडेपन के कारणों पर चर्चा करना और कराना है। विभा-2025 का मंच सजा है जिसपर सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जा रहा है जो बिहार के पिछड़ेपन के कारणों व इसे दूर करने की अपनी दृष्टि की जनता के बीच रख रहे है क्योंकि, नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार कई स्तरों पर देश का सबसे पिछड़ा राज्य है।
श्री चौहान ने बताया कि विभा- 2025 मंच सभी राजनीतिक और सामाजिक बुद्धिजीवियों को अपने मंच पर आमंत्रित कर रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि में किस प्रकार बिहार पिछड़ गया, इस पर बड़ी बहस राज्य के जिलों में संघ द्वारा कराया जा रहा है। इसके पूर्व विभा-2025 की सभा का आयोजन भभुआ, मोहनिया, रोहतास, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद / अरवल, समस्तीपुर, दरभंगा जमुई, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, बेतिया, मोतिहारी, लखीसराय, शेखपुरा और मुंगेर में हो चुका है।
परिचर्चा में हजारों लोगों के साथ कई अधिवक्ता, पत्रकार, शिक्षक व अन्य बुद्धिजीवी महिलाओं ने शिकरत की जिसे लाखों लोगों ने ऑनलाइन देखा और सुना। संवाददाता सम्मेलन में संस्थापक सदस्य के साथ शंकर झा आजाद, विनोद सम्राट, धर्मेन्द्र सिंह चौहान, उपनेश सिंह, सुजीत कुमार आदि उपस्थित थे।