पटना/ बिहार में इस समय जो भी नई नौकरी आ रही है भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जा रहा है।लगभग हर बहाली को हाईकोर्ट से गुजरना होता है ।एक बार फिर नया मामला प्रकाश में आया है जो गव्य विकास निदेशालय द्वारा निकाले गए डेयरी फील्ड ऑफिसर से जुड़ा हुआ है।
अभी हाल ही में बिहार सरकार के गव्य विकास निदेशालय द्वारा डेयरी फील्ड ऑफिसर के 40 पदों के लिए विज्ञापन लाया गया लेकिन इस विज्ञापन में भी अभ्यर्थियों के लिए परेशानी सामने आ गया। नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से सरकार की अधिसूचना की अवहेलना करते हुए डेयरी डायरेक्टर के द्वारा डेयरी में डिप्लोमा धारी अभ्यर्थी के लिए प्राइवेट क्षेत्र के अनुभव को भी मान्यता दिया जा रहा है जो कि सरकार के गाइडलाइन का उल्लंघन है ।बड़ी बात यह है कि बिहार में कहीं भी डेयरी डिप्लोमा की पढ़ाई नहीं होती है ऐसे में बड़ी संभावना है कि अन्य राज्यों से भ्रष्टाचार करके डेयरी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट लाकर अभ्यर्थी जो डेरी साइंस में बैचलर किए हुए हैं उनका हक मारी करेंगे ।
जहां तक बात अनुभव का है तो डिप्लोमा के लिए डायरेक्टर ने यह भी स्वतंत्र कर दिया है कि वह निजी क्षेत्र के भी अनुभव लाएंगे तो वह मान्य हो जाएंगे जबकि इस बहाली के लिए डेयरी डिप्लोमा को मान्य नहीं होना चाहिए ।सरकार के गाइडलाइन के अनुसार गव्य विकास निदेशालय द्वारा डेयरी फील्ड ऑफिसर के लिए केवल डेयरी में स्नातक पूरे किए हुए अभ्यर्थी ही इस नौकरी हेतु पात्र माना जाएगा।
ऐसे में अब बैचलर जो डेयरी में अभ्यर्थी है वह न्याय के लिए भटक रहे है।बिहार में एक मात्र डेयरी साइंस का कॉलेज है ।यहां से पासआउट छात्र नौकरी के लिए भटकते है और अब जब बहाली आई है तो इन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। डेयरी में स्नातक पास अभ्यर्थी हाईकोर्ट में भी मामला दर्ज करा दिया है। अभ्यर्थियों ने इस मामले में सरकार से न्याय का मांग किया है।