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बिहार में पप्पू यादव की सरकार होती तो हमलोग को ऐसे मरने नही दिया जाता

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कोसी टाइम्स डेस्क/ शनिवार की सुबह करीब नौ बज रहे थे और दिल्ली से सैकड़ो बिहारी अपने साईकिल और रिक्शा को खींचते खींचते पसीना से लथपथ होते भागे जा रहे थे।हम श्रम नायक है …हम खुद नायक है के मधुर ध्वनि को गुनगुना बिहार की सरकार को कोसते जा रहे थे। इसी बीच यमुना एक्सप्रेस वे पर दर्जनों बिहारी एक बिहार नम्बर की लगी कार देखकर रुक गए और ठंढाने लगे।

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कार में बैठे सख्श को ये समझते देर न लगी कि बिहारी नंबर कार को देखकर ही सभी लोग रुके है।कार में बैठे सख्श ने बाहर निकलकर अभिवादन किया और हाल चाल जानने की कोशिश किया।बातें शुरू हुई तो दोनों बिहारी आसपास के ही निकल गए।क्या बच्चा क्या जवान सभी के बदन पसीना से लथपथ थे।सभी खुद को अंदर से मजबूत कर रुंधे गले से बात करते हुए कह रहा था देश की हर सरकार बाहर फंसे अपने लोगों को उनके राज्य ले गयी लेकिन बिहार सरकार को कोई फिक्र नही है।उनके लोग को दिल्ली ,गुड़गांव में भूखे सोना पर रहा है लेकिन नीतीश कुमार जी को कोई चिंता नही है।

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बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी जी के साथ है सही है लेकिन हम गरीबों का क्या ?किस्मत के अभागे है तभी तो काम करने बाहर जाते है लेकिन इसका क्या मतलब हमारी सरकार भी हमको छोड़ दे।किसलिए हम उनको चुनके सिंहासन पर बैठाते है ,इसी दिन देखने के लिए हमलोग जब बाहर में काम कर रहे होते है तो अपना पैसा फंसा कर उन्हें वोट देने जाते है ?बात करते हुए बार बार दर्जनों बिहारी श्रमिक भावुक हो जा रहे थे और खुद को संभाल सरकार पर भड़ास निकाल रहे थे।

कार वाले भाई साहब के सवाल कि बाहर क्यो जाते है काम करने को.. पर श्रमिकों ने कहा भैया बिहार में रोजगार कहाँ है …रोजगार सरकार पैदा करे न हम क्यो दिल्ली आएंगे ।हमे भी अपने घर से प्यार है ,अपने माँ बाप के साथ रहने का मन है लेकिन उन्हें वहां खिलाएंगे क्या ?इस लिए हमे बाहर आना पड़ता है।कहा आज अगर बिहार में पप्पू यादव की सरकार होती तो हमे ऐसे नही मरना पड़ता।पप्पू यादव सरकार में नही है फिर भी बिहार के बन्दों सहित सबका सहायता कर रहा है लेकिन नीतीश कुमार हमलोग को मरने छोड़ दिया है।

श्रमिकों ने कहा बगल के योगी सरकार ने सबको अपना घर पहुंचा दिया लेकिन हमलोग जिस सरकार को चुने है वो ही इस तरह से छोड़ दिया है।उन्हें ये ख्याल नही है कि उन्हें हम गरीब ही चुने है।ये कहकर अपना आक्रोश जाहिर किया कि हम गरीब का दिल सरकार ने दुखाया है इसलिए हमलोग आज गाली दे रहे है। पन्द्रह वर्षो में वो अगर बिहार में रोजगार के लिए कुछ किये होते तो हमलोग को आज ऐसे नही सड़क पर साईकिल से रेंगना पड़ता ।

करीब तेरह मिनट में दुःखी बिहारी श्रमिकों ने एक कार से बिहार आ रहे अपने भाई को हर दुःख बताया।कार से बिहार के सहरसा आ रहे आर्यागो कैब के सीईओ दिलखुश कुमार की भी आंखे नम हो चुकी थी।वहीं पर इकट्ठा हुए दर्जनों श्रमिकों को अपने कार से फल और खुद के लिए जो भी खाना नाश्ता था सब बांट कर दोनों बिहार के लिए साथ निकल पड़े।

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