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  • युवा यात्रा वृत्तांत लेखक अंकित मौर्य का ”भटका मुसाफिर” युवाओं के बीच है लोकप्रिय

    सेन्ट्रल डेस्क l दिल्ली l साहित्य और रचना में यात्रा की भुमिका एतिहासिक काल से महत्वपूर्ण रही है। समय-समयांतर यात्रा के लेख एवं कला ने विश्व प्रसिद्ध साहित्यकारों को पहचान और मुकाम हासिल कराया है। साहित्य व कला के द्वारा अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने का कार्य अक्सर प्रतिभाशाली व्यक्तित्व करते आते हैं। ऐसे


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    सेन्ट्रल डेस्क l दिल्ली l साहित्य और रचना में यात्रा की भुमिका एतिहासिक काल से महत्वपूर्ण रही है। समय-समयांतर यात्रा के लेख एवं कला ने विश्व प्रसिद्ध साहित्यकारों को पहचान और मुकाम हासिल कराया है। साहित्य व कला के द्वारा अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने का कार्य अक्सर प्रतिभाशाली व्यक्तित्व करते आते हैं। ऐसे ही भारत के सबसे युवा यात्रा वृत्तांत लेखक व युवा साहित्यकार हैं “अंकित मौर्य “

    प्रतापगढ़ सिटी (उत्तर प्रदेश) के अंकित मौर्य फिलहाल अहमदाबाद में स्थायी है एवं प्रतिस्पर्धी युवाओं और सोशल मीडिया पर काफी चर्चे में हैं। लेखक व इंजीनियर अंकित मौर्य को यात्रा एवं यायावरी के क्षेत्र में भारी रुझान होने से उन्होने समय – समय पर भारत के विविध क्षेत्रों की अकेले यात्रा की एवं अपनी यात्रा के अनुभवों को कागज पर बखुबी उतारा। एक मध्यमवर्गीय परीवार के लड़के का यात्रा करके अपने अनुभवों को लिखना और फिर उसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित करना काफी संघर्षपूर्ण एवं अपने आप में बहुत बडी बात रही मगर संघर्षो का सामना करके अंकित ने अपनी पहली किताब ” भटका मुसाफिर ” लिखी और लोगों के बीच प्रस्तुत की।

    अकेली यात्रा ( solo traveling) पश्चिम के देशों में काफी प्रख्यात है। हालांकि भारत में भी बहुत प्रख्यात है और भारत के इतिहास में बहोत से अकेली यात्रा करनेवाले लोग रह चुके हैं जिनमें सबसे पहला नाम “राहुल सांकृत्यायन” का आता है।

    अंकित ने अपनी अकेली यात्रा के सफर के दौरान काफी संघर्षो व कठिनाइयों का सामना किया मगर हार नहीं मानी। अपने संघर्षों का जिक्र अपनी किताब में बखुबी किया एवं निम्न मध्यवर्गीय परिवार के लड़के का इस तरह अकेली यात्रा करना अपने आप में बहोत बडी बात रही। अंकित ने अपने अनुभवों को कागज पर उतारना कुछ इस तरह शुरू किया। वो जिस भी जगह जाते वहां की बोली- भाषा , लहजा , संस्कृति , प्रथा , मान्यता सभी के बारे में जानते और वहां के लोकल लोगों से उसके बारे में पुछते और उनके जीवन से जुड़ी घटनाओं एवं कहानीयों को जानते और इसी तरह वह अपने अनुभव को जोड़ कर , यात्रा के संस्मरणों एवं इस पास की दुनिया के संस्मरणों को जोड़कर उसका सम्पूर्ण समन्वय लिखते गये जिसका नाम रखा

    ” भटका मुसाफिर – The journey which is infinity “

    भटका मुसाफिर किताब लिखने के बाद अंकित ने अपनी कहानी कई पब्लिशर को बतायी मगर किसी ने कहानी में रुची नहीं दिखायी। एक ओर जहां देश में लव स्टोरी , क्राइम रिपोर्ट और अन्य बेफिजूल के बेबुनियाद चीजों में व्यस्त हैं उन्हें जीवन की सच्चाई प्रस्तुत करती , मनोवैज्ञानिक समझ प्रदान करती किताब कहां पसंद आयेगी। मगर अंकित ने हार नहीं मानी और अंततः अपनी पहली किताब व यात्रा के अनुभव को लोगों के बीच प्रस्तुत किया।

     

    अंकित मौर्य

    किताब आने के कुछ समय बाद ही दिल्ली, कोटा , लखनऊ, प्रयागराज , पटना , जहां पर अधिकतर छात्र सिविल सर्विसेज की तैयारी और अपने घर से दुर रहकर काम या पढ़ाई करते हैं उन्हें ये किताब बहुत पसंद आयी और देखते ही देखते वहां के युवा वर्ग , सोशल मीडिया, लोकल न्युज पेपर में अंकित की किताब छा गयी। सामाजिक मुद्दों पर खुली बात एवं सच को कड़े कटाक्ष के रुप में प्रस्तुत करने के कारण यह किताब बहुत ही लोकप्रिय हो रही है।

    किताब को पसंद करने की एक वजह यह है की अंकित ने इतनी सी उम्र में इतने बड़े अनुभव को अंजाम दिया और दुसरी वजह ये किताब घर बैठे आपको एक अनंत यात्रा पर ले जाती है। देश , समाज की सच्चाई, हमारी खुद की ग़लती , और उसको सुधारने के तरीके , जहां एक ओर लोग मानसिक रुप से डिप्रेशन का शिकार बन रहे हैं वहीं दूसरी ओर अगर अंकित की किताब के शब्दों को जीवन में उतार लें तो डिप्रेशन चुटकीयो में गायब हो जायेगा। अंकित के लिखने का लेहजा नवीनतम है और पढ़ते वक्त कुछ ऐसा लगता है की मैं एक अनंत यात्रा पर हुं और कोई इंसान मुझसे बातें कर रहा है। घर बैठे दुनिया घुमाने की ताकत अंकित की किताब में है।

    जिस वजह से अंकित काफी लोकप्रिय हो गये एवं उनकी किताब काफी पसंद की जा रही है। किताब हिन्दी में है और ई -कोमर्स वेबसाइट पर उपलब्ध है।  अंकित का यह संदेश है की किसी भी बंधन में बंधे बिना खुले मन से सोचने की आजादी सभी के पास है बस एक बार खुली नजर से दुनिया को देखने की जरूरत है खामखां की चीजों मे फंसे रहने से अच्छा खुद को जान लेना है। जो इंसान खुद को समझ लेता है उसे दुनिया को समझने और समझाने की जरूरत नहीं पड़ती।

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