पुरैनी (मधेपुरा) से अफजल राज की रिपोर्ट/बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) की राज्य कमिटी के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली, सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति– प्रोन्नति संविदा आउटसोर्स प्रथा की समाप्ति, समान काम–समान वेतन, केंद्रीय कर्मियों के अनुरूप राज्य कर्मियों शिक्षकों को बढ़े हुए दर पर मकान किराया भत्ता का भुगतान सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन लगातार जारी है।
कार्यपालक सहायक जसीमुद्दीन, राजेश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार से स्पष्ट समझौता के बावजूद राज्य कर्मियों शिक्षकों को केंद्रीय कर्मियों के अनुरूप मकान किराया भत्ता नहीं दिया जा रहा है। दूसरी और केंद्र की मोदी सरकार की पूंजीपति, कारपोरेट परास्त जनविरोधी नीतियों के कारण चरम महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी संस्थानों के निजी करण, श्रमिक अधिकारों का अपहरण इत्यादि से आमजन के साथ हम सब भी समान रूप पीड़ित हो रहे हैं।
शिक्षक सुबोध कुमार सिंह ने कहा 1 सितंबर 2005 से पुरानी पेंशन बंद कर दी गई है। नई पेंशन योजना राज्य में लागू किया गया। परन्तु पंचायत राज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त प्रारंभिक माध्यमिक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष पेंशन योजना से पूर्णरूपेण वंचित है। राज्य के लाखों शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन लागू करवाने हेतु बुधवार को काला बिल्ला लगाकर शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं। अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी पुरानी पेंशन लागू करें जिससे सरकारी कर्मियों को बुढापे का सही सहारा मिल सके।
मौके पर कार्यपालक सहायक राजेश कुमार, जसीमुद्दीन, सुशांत कुमार सिंह, विकास कुमार, शिक्षक सुबोध सिंह, चंद्र किशोर कुमार , अंजू कुमारी, ममता कुमारी, रिजवाना खातून, रूपम कुमारी, नवीन कुमार, अनुपमा शर्मा, अबू नसर, पिंकी रानी,आशा कुमारी सहित कई कर्मी मौजूद रहे।