अमन कुमार/ सहरसा/ जिले के सौरबाजार प्रखंड अंतर्गत हनुमान नगर चकला निवासी शिक्षक उमेश साह के आकस्मिक निधन से परिवार, गांव समेत आसपास के लोगों में शोक की लहर है।
जानकारी हो कि 1990 से प्रखंड क्षेत्र के सुहथ, अजगैवा, कढ़ैया और रौता पंचायत समेत अन्य कई गांवों में शिक्षा के जगत में इनका एक अलग ही पहचान था। उस समय क्षेत्र में कई पीढ़ियों को प्रबोधन और उच्च संस्कार दिए जब इस इलाके में शिक्षा की कोई भी व्यवस्था नहीं थी, ना तो इलाके में अच्छे शिक्षक उपलब्ध थे कि बच्चे वहां जाकर पढ़ सके और ना ही अभिभावकों की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी थी कि बच्चों को पढ़ने हेतु शहर भेज सकें। तत्कालीन परिस्थिति में शिक्षक उमेश ही एक ऐसे विकल्प थे जिनके पास सभी विषयों की जानकारी थी और छात्रों को पढ़ाने के प्रति ईमानदारी भी थी, ऐसी स्थिति में उन्होंने नाममात्र पैसों में हजारों बच्चों को अच्छी तालीम देकर कुशल मानव संसाधन बनाया। आज उनके पढ़ाए हुए युवा देश विदेश में विभिन्न पदों पर पदस्थापित है और अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
उनके सफल छात्रों में रंधीर कुमार (रेलवे अधिकारी), सुभाष कुमार (बिहार सचिवालय सेवा), डॉ प्रभाष कुमार (आईजीआईएमएस पटना), गुड्डू उर्फ अभिनव (सीआरपीएफ अधिकारी), पंकज कुमार(रेलवे अधिकारी), नागेंद्र कुमार(शिक्षक), संतोष कुमार(कनीय अभियंता), नवलकिशोर(शिक्षक) समेत अन्य सैकड़ो युवा सामिल हैं। इन सफल युवाओं का कहना है कि उमेश सर नहीं होते तो आज हम इस मुकाम पर नहीं पहुंचते।
युवाओं ने यह भी कहा कि उनके निधन से प्रखंड क्षेत्र के शिक्षा जगत में जो शून्यता उत्पन्न हुई हैं उसकी भरपाई कर पाना असंभव हैं। शोक व्यक्त करने वालों में प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि नूर आलम उर्फ लंबू, राजद नेता अंजनी यादव, युवा नेता राव अभिषेक, जेडीयू नेता विभूति बिमल, सुहथ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय राय, जिला परिषद प्रतिनिधि संतोष मेहता, पत्रकार अमन कुमार, पूर्व मुखिया अनिल पासवान, युवा समाजसेवी रविंद्र यादव, शशि यादव, कढ़ैया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि साहेब कुमार, सुभाष साह, दिनेश साह, सुरेश साह, अभिषेक कुमार, शुभम कुमार, कुणाल कुमार, रौशन कुमार समेत अन्य कई लोगों ने शिक्षक उमेश साह के आकस्मिक निधन पर दुुःख व्यक्त किया।