सिंहेश्वर,मधेपुरा/थाना क्षेत्र के बैहरी पंचायत के बुढ़ावे में सोमवार के अहले सुबह बिजली का हाई टेंशन तार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. जबकि दो बच्चे भी घायल हो गए. इस बाबत स्थानीय लोगों ने एनएच 106 को लगभग चार घंटे तक बांस बल्ला सहित अन्य सामानों से जाम कर दिया.
स्थानीय लोगों ने बताया कि अहले सुबह एकाएक सभी के घरों में आग लग गई. जिस वजह से सभी अपने घर से निकल कर भाग रहे थे. भागने के दौरान दो लोग बैहरी पंचायत के बुढ़ावे वार्ड संख्या 13 निवासी लगभग 25 वर्षीय बैजनाथ ऋषिदेव का पुत्र बादल ऋषिदेव व रघुनी राम का लगभग 50 वर्षीय पुत्र शिबू राम बिजली के तार के चपेट में आ गए. जबकि दो बच्चे बिजली ऋषिदेव का 12 वर्षीय पुत्र बलराम कुमार व शंकरपुर के कबियाही चौराहा निवासी रामचंद्र ऋषिदेव की 12 वर्षीय पुत्री सोनिका कुमारी भी घायल हो गई. इसमें एक व्यक्ति शिबू राम की मौत घटनास्थल पर ही हो गई जबकि दूसरे व्यक्ति बादल की मौत मेडिकल कॉलेज ले जाने के दौरान हो गई. जिसके बाद जाम को मुखिया शेखर गुप्ता, थानाध्यक्ष अरुण कुमार, एसआई बबलू कुमार, एएसआई केडी यादव सहित अन्य लोगों के द्वारा उचित मुआवजा दिलाने की बात कहते हुए काफी समझाने के बाद जाम को समाप्त करवाया गया. और फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया.
ब्रेकर के काम नहीं करने के वजह से घटी घटना- बुढ़ावे में हुई दो व्यक्ति के मौत के पीछे बिजली विभाग की घोर लापरवाही का आरोप लगाया गया है. इस दौरान लोगों ने बताया कि लगभग छह माह पूर्व ही सड़क निर्माण के वक्त बिजली के हाई टेंशन तार को बगल में सिफ्ट किया गया था. और तार को लगभग एक दर्जन घरों के ऊपर से ले जाया गया था. जिस वक्त बिजली विभाग के अधिकारियों को तार घर के ऊपर से ले जाने के लिए मना किया गया था. लेकिन कोई अधिकारी इस बात को नही माने जिसका खामियाजा दो लोगों को मौत से चुकानी पड़ी है. जिस वक्त बिजली की तार गिरी थी उस वक्त ब्रेकर के काम नहीं करने के वजह से इतनी बड़ी घटना घटी है. अगर ब्रेकर काम करता तो तार गिरने के साथ ही बिजली कट जाती और इस अनहोनी से बचा जा सकता था.
वहीं यह भी बताया गया कि अगर हाई टेंशन तार को घर के ऊपर से ले जाया गया हीं तो तार के नीचे लेसिंग गार्ड क्यों नहीं लगाया गया. अगर यह भी लगा होता तो तार ऊपर ही रुक जाता और घटना से बचा जा सकता था. वहीं दूसरी तरफ बताया गया कि जिस वक्त तार गिरी उस वक्त बिजली विभाग को लगभग एक घंटा तक फोन किया गया लेकिन किसी ने फोन नही उठाया.
लगभग 35 घरों का बिजली उपकरण जला- एक तरफ जहां बिजली विभाग के गलती के वजह से इतनी बड़ी घटना घटी. वहीं इस बिजली तार के गिरने से हजारों रुपए का नुकसान भी सभी लोगों को हुआ है. जिस वक्त तार गिरा सड़क के दोनों ओर के सभी के घरों में लगें विद्युत उपकरण अपने आप जलने लगे. इन घरों में विद्युत से चलित कोई भी समान नही बच पाया है. वहीं बिजली की तार एक जगह ईट पर गिरी तो ईट में आग लग गई. इस बीच कई लोगों ने घर के पीछे भाग कर जान बचाई. वहीं दूसरी तरफ बताया गया कि मृतक बादल के पीछे एक डेढ़ साल की बच्ची और एक तीन माह का बेटा हीं बचा है. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में गम का माहौल व्याप्त है.