अफजल राज/ पुरैनी, मधेपुरा/प्रखंड के मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन देखने में चकाचक तो जरूर है, लेकिन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।
30 बेड वाले इस स्वास्थ्य केंद्र में रोगी कल्याण समिति की मदद से 30 अतिरिक्त बेड की खरीदारी कर उसकी संख्या 60 कर दी गई है। तीन मंजिला अस्पताल में चिकित्सकों के नौ स्वीकृत पद में चार ही पदस्थापित हैं। जबकि कंपाउंडर, ड्रेसर एवं नर्स का भी कई पद खाली है। प्रखंड के 09 पंचायतों के लगभग सवा लाख आबादी के इलाज का है दारोमदार सीएचसी पर हैं।
चिकित्सकों व कर्मियों की कमी का वर्षों से दंश झेल रहे इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलने की बात कहीं न कहीं फ्लॉप दिख रहा है। संसाधन व कर्मियों के अभाव में प्रखंड का इकलौता स्वास्थ्य केंद्र को जहां बेहतर इलाज की जरूरत है। यहां कई संसाधन उपलब्ध रहने के बावजूद कर्मियों की कमी ने आम मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। लिहाजा यहां साधारण रोगी को भी रेफर कर दिए जाने की नियति बन गई है जहां हिमोग्लोबिन, सीबीसी, यूरीन एल्बोमीन, एक्स-रे सहित मधुमेह, हेपेटाइटिस बी, गर्भ, मलेरिया, कालाजार, टीबी व कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध है। पैथोलाजिस्ट के अभाव में लाखों रुपये की एनेलाइजर मशीन बेकार पड़ी है। यहां दिखावे के लिए तीन तीन एंबुलेंस मौजूद है, लेकिन रखरखाव व चालक के अभाव में दो एंबुलेंस मरीजों को सुविधा दे रही है
सीएचसी में नहीं है महिला चिकित्सक : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आए प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से नीली कुमारी (22) बलिया, वंदन कुमारी (20) बलिया, तनुजा खातून (22), ओराय, दुलारचंद कुमार (17) पुरैनी, मोहम्द सदरुल आलम बघवादियारा आदि ने बताया कि यहां महिला चिकित्सक नहीं रहने से महिलाओं को इलाज कराने में काफी परेशानी हो रही है।
महिला चिकित्सक की पदस्थापना को लेकर ग्रामीणों द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों से मांग की गई है। यहां ओपीडी में 55 में से 54 प्रकार की दवा उपलब्ध है जबकि आइपीडी में सभी 59 प्रकार की दवा उपलब्ध है।
सीएचसी में फिलहाल 10 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। वेंटीलेटर की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। फार्मासिस्ट के आभाव में अन्य कर्मियों से दवा का वितरण कराया जा रहा है। यहां 90 से 120 रोगियों का प्रतिदिन इलाज किया जाता है। जबकि रोगी को दिए जा रहे भोजन में हरी सब्जी, दूध व दही नहीं दिया जा रहा है।
क्या कहते प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी : इस संबंध में डा.विनय कृष्ण प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है। कोरोना काल में जांच व टीकाकरण का अतिरिक्त दबाव है। इसके बावजूद अन्य बीमारी से ग्रस्त मरीजों का भी समुचित उपचार किया जा रहा है।वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक ब्रजेश कुमार ने बताया कि मरीजों को उपलब्ध संसाधन के अनुरूप इलाज की बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है।