मधेपुरा/ कांग्रेस नेता संदीप यादव ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूरे बजट में किसान कही नहीं है । उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि देश भर के किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य का है लेकिन उस पर कोई घोषणा नहीं की गई है। जब तक धान, गेहूं, मक्का, मखाना सहित सभी फसलों का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं होगा और उस दर पर सरकारी खरीद और उससे कम दर पर खरीदने वाले व्यापारी पर कार्रवाई की व्यवस्था नहीं होगी तब तक किसान बाजार पर निर्भर रहेंगे और बाजार सिर्फ मुनाफा कमाता है उसे किसानों के हित से कोई मतलब नहीं है।
श्री यादव ने बताया कि मखाना उद्योग का बोर्ड बनाना एक सकारात्मक पहल हो सकता है लेकिन वो इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार किसानों के प्रति कितनी संवेदनशील है बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के इसका फायदा भी व्यापारी और बाजार के हाथों जाने का खतरा रहेगा। उसी प्रकार खाद्य प्रसंकरण उद्योग बोर्ड के साथ मक्के पर आधारित सरकारी उद्योग से किसान और राज्य को भला होगा।
उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष है इसलिए कोशी पश्चिमी नगर की पुरानी परियोजना भी याद आई है। यदि केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य के दर्जा नहीं दी है तो कम से कम कोशी, मिथिला और सीमांचल जैसे पिछड़े इलाके को सरकार विशेष क्षेत्र का दर्जा भी देती तो यह पिछड़ा इलाका अपने बल पर विकास करता। अपने पूरे बजट में कोशी तटबंध के अंदर हर साल आये बाढ़ की विनाशकारी आपदा पर कुछ नहीं बोलना या करना आपदा पीड़ितों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है ।हर चुनावी वर्ष के बजट की कुछ घोषणाओं और कृपा की जरूरत नहीं होती l