समारोह आयोजित कर मनाई गई दिवंगत शिक्षाविद वासुदेव गुप्त की पहली पुण्यतिथि
👉बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव ने कहा शिक्षा का अलख जगाने के लिए वासुदेव बाबू हमेशा प्रयत्नशील रहे 👉चौसा के वासुदेव भवन में एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन
मधेपुरा प्रतिनिधि
जिले के चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित वासुदेव भवन में दिवंगत शिक्षाविद वासुदेव प्रसाद गुप्त की पहली पुण्यतिथि एक समारोह का आयोजन कर मनाया गया। जिसमें बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव समेत दर्जनों लोग उपस्थित होकर उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा की।
विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि बताया कि वासुदेव बाबू सरकारी शिक्षक के पद पर रहकर अपने आसपास के गांव के छात्र-छात्राओं के बीच शिक्षा का अलख जगाने के लिए हमेशा प्रयत्न शील रहते थे। वे एक अच्छे शिक्षक के साथ साथ एक अच्छे समाजसेवी व शिक्षाविद भी थे।वे सेवानिवृत्ति के उपरान्त भी लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हुए समाज सेवा में लगे रहे।
जदयू के प्रखंड अध्यक्ष मनोज प्रसाद ने कहा कि वासुदेव बाबू अपने अनुशासन को लेकर काफी लोकप्रिय थे। उनके द्वारा पढ़ाए गए दर्जनों छात्र-छात्राएं आज उच्च पदों पर आसीन हैं। शिक्षाविद प्रो नवलकिशोर जायसवाल ने कहा कि वासुदेव बाबू एक कर्मठ एवं जुझारू प्रवृत्ति के शिक्षक थे।जिन्हें सदैव याद रखेगा।
मौके पर पूर्व मुखिया सूर्यकुमार पट्वे, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुनील यादव, सांसद प्रतिनिधि कुंदन कुमार बंटी,प्रो मनोज यादव, प्रो शिव कुमार यादव, मनोज सिंह कुशवाहा,बाबा विशु राउत इंटर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुरेश प्रसाद साह, साईं इस्लाम, जवाहर चौधरी,मनोज शर्मा ,अशोक कुमार,अभिनंदन कुमार मंडल, कैलाश पासवान,प्रमोद कुमार चौरसिया, नित्तम अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, प्रमुख प्रतिनिधि मिथिलेश कुमार यादव,दिवंगत परिवार के गौतम कुमार गुप्त,शीलभद्र,सत्य प्रकाश गुप्ता विदुर जी, शिवम कुमार,माला कुमारी कंचन,सुधा कुमारी, शिवानी कुमारी,स्वाति कुमारी ,साक्षी कुमारी समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे।
मानव जीवन में सत्संग की बड़ी आवश्यकता:- स्वामी रजनीश
जिले के चौसा प्रखंड मुख्यालय स्थित वासुदेव भवन में एक दिवसीय संतमत सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।संतमत-सत्संग में दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचे थे। जिन्होंने अध्यात्म की गंगा में डुबकी लगाई। कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति भजन एवं स्तुति विनती से की गई औऱ कई आध्यात्मिक भजनों की भी प्रस्तुति की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी रजनीश ने कहा कि मानव जीवन में सत्संग की बड़ी आवश्यकता है। हमारे जीवन में सत्संग को अपनाए बिना सुख, शांति की कल्पना नहीं की जा सकती।बड़े भाग्य से मनुष्य का शरीर मिलता है और मनुष्य के शरीर में पूर्व जन्म के पुण्य के अनुसार ही सत्संग की प्राप्ति होती है। सत्संग के माध्यम से हम मोक्ष को पाने का रास्ता पाते हैं। उन्होंने कहा कि संतो के दिखाये मार्ग पर चलकर सदगुरु महाराज की स्तुति करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है।उन्होंने कहा कि परिवार में मां-बाप की कदर होगी तो भावी पीढ़ी में संस्कारों का समावेश होगा। वर्तमान में नशा मुक्त रहते हुए शाकाहार अपनाने की महज जरूरत है।हिंसा, हत्या मानव व्यवहार का हिस्सा नहीं है। नशे के कारण बुद्धि का विनाश व संस्कारों में गिरावट आती है।नशे का त्याग करके सदाचार व शाकाहार ही श्रेष्ठ विकल्प है।
बाबा स्वामी लक्ष्मीकांत ब्रह्मचारी ने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति अपने अंदर में होगी। इसके लिए गुरू से युक्ति जानकर भक्ति करनी चाहिए।परमात्मा मिलना उतना कठिन नहीं है जितना कि पावन सत्संग का मिलना कठिन है। यदि सत्संग के द्वारा परमात्मा की महिमा का पता न हो तो सम्भव है कि परमात्मा मिल जाय फिर भी उनकी पहचान न हो, उनके वास्तविक आनन्द से वंचिर रह जाओ। सच पूछो तो परमात्मा मिला हुआ ही है। उससे बिछुड़ना असम्भव है। फिर भी पावन सत्संग के अभाव में उस मिले हुए मालिक को कहीं दूर समझ रहे हो।सत्संग कार्यक्रम को जयप्रकाश बाबा,महेंद्र बाबा, बनारसी बाबा,बलदेव दास,श्री रामानंद बाबा ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता गौरीशंकर भगत ने की।