केक काटकर मनाई गई विद्यालय का पांचवां स्थापना दिवस समारोह
👉🏻सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के संरक्षक सत्यप्रकाश गुप्ता उर्फ विदुर जी ने कहा बच्चों के निर्माण से ही राष्ट्र का निर्माण संभव 👉🏻साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा जहां कहीं लोकतंत्र है शिक्षा वहां का मूल मंत्र है
मधेपुरा/जिले के प्रगति पब्लिक स्कूल चौसा प्रांगण में धूमधाम से स्कूल स्थापना दिवस छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा केक काटकर मनाई गई। स्कूल के निदेशक अमित आनंद ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के संरक्षक सत्यप्रकाश गुप्ता उर्फ विदुर जी ने कहा कि बच्चों के निर्माण से ही राष्ट्र का निर्माण संभव है।यह केवल शिक्षक ही बच्चे को जोहरी की भांति तलाश कर उन्हें लायक बना दिया जाता है तथा सबसे बड़े शिल्पकार शिक्षक होते हैं। जिनके कंधों पर समाज परिवार एवं देश का भविष्य निर्भर करता है। विगत 5 वर्षों से प्रगति पब्लिक स्कूल के बच्चों ने अनुशासन ज्ञान के मापदंड को पूरा किया है।
साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा कि 5 वर्षों के दौरान विद्यालय काफी अपने उतार-चढ़ाव को देखा है। बावजूद तमाम समस्याओं से जूझते हुए 5 वर्ष को पूरा किया। इस कड़ी में बच्चों के शैक्षणिक नैतिक निर्माण करने की जवाबदेही विद्यालय के शिक्षकों पर निर्भर रहता है। जिससे आज यह विद्यालय सुंदर बगिया की तरह सुशोभित हो रही है।उन्होंने कहा कि जहां कहीं लोकतंत्र है शिक्षा वहां का मूल मंत्र है इसलिए हम सभी को शिक्षित होना बहुत जरूरी है।शिक्षा का मानव जीवन में बहुत महत्त्व है। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य में ज्ञान का प्रसार होता है। इंसान की बुद्धि का विकास शिक्षा अर्जित करने से ही होता है। शिक्षा मानव जीवन की एक महत्त्वपूर्ण इकाई है।
शिक्षक रमण कुमार राही ने कहा कि बच्चे और शिक्षक के बीच का संबंध अटूट एवं विश्वास पर बना रहता है। बच्चे हमेशा अपने शिक्षकों पर विश्वास करते हैं और शिक्षक बच्चों के लिए हर समय चिंतित एवं सकारात्मक ऊर्जा से काम करते हैं। अपितु जिसका परिणाम विद्यालय के 5 वर्ष पूरा होने से प्रतीत होता है।
साहित्यकार कुंजबिहारी शास्त्री ने कहा कि बच्चे कोमल हृदय होते हैं जिनको भली-भांति समझते हुए उनके साथ शिक्षक मित्रवत होकर भावनात्मक लगाओ से बच्चे को शिक्षा देते हैं। जिस कारण से बच्चे अनुशासित होकर लक्ष्य की पूर्ति के लिए आगे बढ़ते रहता है। तत्पश्चात बच्चों के भविष्य का निर्माण एक दिशा में हो पाती है। इसलिए विद्वानों ने कहा है गुरु गोविंद दोनों खड़े काको लागूं पाय बलिहारी गुरु आपने जामे दियो बताए अर्थात गोविंद से भी ऊपर गुरु अर्थात शिक्षक को बताया गया है जो पूजनीय है वंदनीय है।जिसके कारण बच्चों के भविष्य का निर्माण संभव हो पाता है। शिक्षक केशव कुमार ने कहा कि विगत वर्षों में महामारी के कारण प्राइवेट संस्थानों का बुरा हाल हो गया था। उस समय शिक्षक अपना अध्याय का परिचय देते हुए बच्चों से लगा बनाए रखें तथा बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए कार्य करते रहें। जिसका परिणाम आज वर्षगांठ के रूप में मना रहे हैं।
इस मौके पर शिक्षक राहुल कुमार, मृत्युंजय कुमार, करण कुमार, संस्थान के शिक्षक राज किशोर कुमार,बाबुल अमृत, प्रेम कुमार,गुलजार आलम,गौरव कुमार, बंटी कुमार, रंजन कुमार, रविंद्र कुमार, शिक्षिका पूजा कुमारी, तराना खातून, विभा कुमारी एवं सैकड़ों बच्चे उपस्थित रहे।