मजिस्ट्रेट के निगरानी में 44 दिन बाद दफनाया हुआ 8 वर्षीय बच्चे का शव को बाहर निकाला, पोस्टमार्टम में भेजा
लालमोहन कुमार/जानकीनगर,पूर्णिया/जानकीनगर के आजाद चौक से एक 8 वर्षीय मासूम की 44 दिन बाद अनुमंडल पदाधिकारी बनमनखी निर्देश पर जानकीनगर पुलिस मजिस्ट्रेट की निगरानी में वीडियोग्राफी की निगरानी में शव को उखाड़ कर पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया भेजा गया। अनुमंडल पदाधिकारी बनमनखी के निर्देश मजिस्ट्रेट व पुलिस अवर निरीक्षक अर्चना कुमारी और पुलिस बलों ने मासूम बच्चे के दफन किए स्थल पर पहुंच कर पूरी तैयारी कर गुरूवार को दोपहर में मृतक के दफन शव को उखाड़ कर पोस्टमार्टम में पूर्णिया भेजा। इधर-दफन शव को निकालते समय सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। आपको बता दें कि जानकी नगर आजाद चौक वार्ड नंबर 3 का रहने वाला बीरबल यादव का 8 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार का 5 जुलाई को मौत हो गई थी। मौत होने के बाद बीरबल यादव के परिवारों के द्वारा अभिषेक कुमार की शव को तत्काल दफना दिया गया। उसके बाद मृतक अभिषेक कुमार के पिता इसकी जांच पड़ताल की मांग करने लगे। मृतक के पिता के द्वारा बीते 22 जुलाई को पूर्णिया के एसपी को आवेदन देकर मामले की जांच करने की मांग किया था।
वही पूर्णिया एसपी को आवेदन प्राप्त होने के बाद एसपी ने मामले की जांच पड़ताल करवाई और 44 दिन बाद गुरुवार को जानकीनगर थाना क्षेत्र के आजाद चौक वार्ड नंबर 3 में पुलिस प्रशासन पहुंचकर 5 जुलाई को दफनाई गई 8 वर्षीय अभिषेक कुमार शव को गड्ढे से बाहर निकाल कर शव को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल में पुलिस जुट गई।
वहीं मृतक अभिषेक कुमार के पिता बीरबल यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 5 जुलाई को सुबह में हम बजरंगबली मंदिर गए हुए थे वापस आने के बाद पता चला कि मेरा लड़का अभिषेक कुमार पढ़ाई करने के लिए विद्यालय गए थे कुछ देर बाद ही वहां से अचानक पेट दर्द के कारण घर वापस आया। तभी मैंने उसको इलाज के लिए नजदीकी डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर के द्वारा इंजेक्शन दिया गया। उसके बाद मेरा बेटा बेहोश हो गया उसके बाद उसका मौत हो गया। मेरे घर के अन्य सदस्यों ने पुत्र के निधन के 2 घंटे के बाद ही पुत्र के शव को दफना दिया। जबकि हम शव का पोस्टमार्टम करना चाह रहे थे।साथ ही बीरबल यादव ने बताया कि इस घटनाक्रम के बाद हमने जानकीनगर थाना व बनमनखी के एसडीपीओ से भी मामले की जांच पड़ताल के मांग किया। लेकिन जानकीनगर थाना पुलिस और बनमनखी के एसडीओपी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसके बाद हमने 22 जुलाई को पूर्णिया के एसपी को आवेदन दिया इसके बाद कार्रवाई की गई और गुरुवार को प्रशासन पहुंचकर शव को गड्ढे से निकाल कर अपने कब्जे में लिया है।
एसपी को दी गई आवेदन में क्या कहा :पूर्णिया एसपी को बीरबल यादव के द्वारा दिया गया आवेदन में कहा गया है कि मेरे पुत्र को अचानक पेट में दर्द होने के बाद हमने अपने नजदीकी अस्पताल ले गया, वहां डॉक्टर ने अचानक से मेरे बेटे को कोई इंजेक्शन दिया तभी वह बेहोश हो गया। वहां से सूचना दिया गया कि इसे ऑक्सीजन की जरूरत है तभी मैंने एंबुलेंस को कॉल किया। आधे घंटे में एंबुलेंस आई। मेरे परिवार के कुछ सदस्यगण मेरे पीठ पीछे ही एंबुलेंस को दरवाजे पर से ही भगा दिया।
जानकारी के अनुसार पता चला है कि मेरे बेटे को परिवार के सदस्य ही रोजाना बच्चों को स्कूल जाते वक्त खाने-पीने की चीज दिया करता था उस दिन भी उन लोगों ने मेरे बेटे को खाने-पीने चीजें दी थी जिसे खाते ही मेरे बेटे के पेट में दर्द होना शुरु कर दिया कर और रास्ते से वह घर चला आया। मेरे परिवार के सदस्यों ने मेरे साथ पहले से ही विवाद चल रहा था जिसकी वजह से मैं थाने में भी आवेदन दिया था क्योंकि मुझे आए दिन उन लोगों द्वारा धमकी दिया जा रहा था कि तुझे तथा तुम्हारे परिवार को जान से मार डालेंगे। मेरे परिवार के सदस्यों द्वारा ही मेरे बेटे को साजिश के तहत हत्या कर दी गई है मैंने पोस्टमार्टम करवाने की भी कोशिश की परंतु सभी ने मिलकर मेरे बेटे को मृत्यु के 2 घंटे बाद ही दफना दिया।