मधेपुरा/ जिले के मुरलीगंज की एकता कुमारी उर्फ लक्ष्मी कुमारी, जो पिछले दस वर्षों से पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व भरण-पोषण का मुकदमा लड़ रही थीं, अब एक नई जिंदगी की ओर बढ़ रही हैं। न्यायालय में लंबी चली सुनवाई के बाद मामला मध्यस्थता केंद्र को सौंपा गया, जहां पहली ही सिटिंग में पति-पत्नी के बीच सुलह करा दी गई।
इस सुलह के तहत एकता को भरण-पोषण की राशि देने की सहमति बनी, जिसे दोनों पक्षों ने राजीखुशी स्वीकार किया। अब दोनों ने आपसी सहमति से केस को समाप्त कर दिया है।

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इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव पूजा कुमारी साहा ने कहा, कि “यह मामला न्यायालय में वर्षों से लंबित था। इसे मध्यस्थता केंद्र में भेजा गया, जहां सकारात्मक माहौल में पहली ही बैठक में सुलह हो गई। पति-पत्नी व उनके परिजनों का धन्यवाद करते हुए मैं यही कामना करती हूं कि दोनों जीवन में आगे बढ़ें और खुशहाल जीवन व्यतीत करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग छोटी-छोटी बातों में मुकदमों में उलझ जाते हैं और लड़ते-लड़ते अपनी जिंदगी के कीमती पल गंवा देते हैं। ऐसे में मध्यस्थता केंद्र एक शांतिपूर्ण समाधान का माध्यम बनता है, जहां संवाद और समझदारी से विवादों का हल निकाला जा सकता है।
दस साल तक संघर्ष करने के बाद आज एकता कुमारी के चेहरे पर फिर मुस्कान लौट आई है। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि जहां संवाद होता है, वहां समाधान संभव होता है।