दिवाकर कुमार@फारबिसगंज,अररिया
फ़ारबिसगंज प्रखण्ड अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती सह शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
प्रखण्ड क्षेत्र के हरिपुर, परवाहा, सैफगंज, टेढ़ी मुसहरी, बसगड़ा,सीटेट क्लासेस आदि ग्रामीण इलाकों के शिक्षण संस्थान व विद्यालय में बच्चों ने नृत्य, भाषण, नाटक आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम बड़ी जोश व उत्साह से अपने अपने कला को प्रस्तुत किया।
शिक्षक दिवस के मौके पर हरिपुर के मिशन सक्सेस कोचिंग सेंटर के संचालक रोहित रंजन ने बताया कि प्रख्यात विद्वान, महान दर्शन शास्त्र के ज्ञाता व हमारे हिन्दुस्तान के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्मदिवस के दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है साथ ही शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षण संस्थान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करके बच्चों के जोश उत्साह को बढ़ाया जाता है जिससे बच्चों की प्रतिभा निखरती है।
शिक्षक रितेश कुमार ने कहा कि डॉ॰ राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे। उनका मानना था कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबन्धन करना चाहिए। जिस क्षेत्र में बच्चों का दिलचस्प हो उस क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को निखारकर सफलता हासिल करना है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिस विषय को पढ़ाते थे उसे सबसे पहले स्वयं गहन अध्ययन करते थे और फिर उसे रोचक , सरल एवं प्रिय बना देते थे जिस कारण शिक्षक दिवस हमलोग उनके जन्मदिवस पर मनाते है।