शुशांत अंशु/सिंहेश्वर,मधेपुरा/ वैसे तो बाबा नगरी की सुरत पहले से ही प्रशासन के नाकामी के कारण बदसुरत बनी हुयी थी. सड़क जाम तो जैसे रोज का दिनचर्या हो चुका है लेकिन रविवार रात से ही दुर- दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वजह से पुरा क्षेत्र पुरी तरह से स्थिर हो गया. प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद भी जाम से निजात मिल पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा था. इस जाम के वजह से जिले के आलाधिकारियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्रशासन के अधिकारियों को भी काफी देर तक जाम ने अपने आगोश में रखे रखा . वहीं दुसरी तरफ तीसरी सोमवारी की भिड़ से सबक लेने के बजाय स्थिति और भी उल्टी हो गई. कई जगहों पर न तो कोई दंडाधिकारी रहा और न ही पुलिस बल ही नजर आई . पुलिस की काफी कमी रही. सड़क पर भी इक्के दुक्के पुलिस कहीं कहीं नजर आए. जाम छुड़ाने के लिए स्थानीय युवक ही आगे आए. बाइपास रोड में यत्र- तत्र लगे वाहनों के कारण जाम की स्थिति लगातार बनती रही. ऐसा नही कि सिर्फ बाईपास की स्थिति ऐसी थी सभी जगहों की जाम के कारण भयानक स्थिति बनी रही.
श्रद्धालुओं को हुयी काफी परेशानी- देवाधिदेव महादेव की पुजा अर्चना के लिये लोगों का हुजुम ऐसा उमड़ा कि श्रद्धालुओं को संभालना मुश्किल हो गया. मंदिर परिसर सहित शिवगंगा पर श्रद्धालुओं की कतार दोपहर बाद तक लगी रही. बताया गया कि गर्भ गृह का पट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गयी थी. श्रद्धालु घंटो लाइन में रहकर पुजा करने को मजबुर थे. लगभग बारह बजे जब श्रद्धालुओं का रैला बाबा का जलाभिषेक के लिये गर्भ गृह में पहुंचने को बेताब था. उस वक्त प्रशासन ने सीधे अपने हाथ खड़े कर दिये. जिस वजह से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पुलिस बल काफी कम होने के रहने के कारण भीड़ पुरी तरह से बेकाबु हो गयी थी. बार- बार श्रद्धालुओं का हुजुम एक जगह सिमट जाता रहा. लगभग आधे दिन तक भीड़ को नही संभाला जा सका. हालांकि भीड़ को अनियंत्रित देख थानाध्याक्ष अरुण कुमार ने थाने से लगभग सभी पुलिस बल को मंदिर में बुला लिया. फिर भी भीड़ ने एक न सुनी.