पूर्णिया/ पुलिस, जिसे जनता की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है, वही अगर डकैती पर उतर आए तो विश्वास कैसे बचेगा? ताज़ा मामला पूर्णिया के हाट थाना क्षेत्र का है, जहां रात के गश्त के दौरान पुलिस ने जांच के नाम पर गाड़ी रोककर 1.10 लाख रुपये छीन लिए। इस शर्मनाक घटना में खुद एक दारोगा समेत चार पुलिसकर्मी शामिल पाए गए हैं।
गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में पु.अ.नि. अरूण कुमार झा, सिपाही अनुज कुमार, सिपाही योगेन्द्र पासवान, और केहाट के प्राइवेट चलक के नगर थाना क्षेत्र के गढ़िया विशनपुर, वार्ड नम्बर 10 निवासी अमन कुमार उर्फ गोलू शामिल है। पूर्णिया पुलिस की ओर से बताया गया कि मंगलवार को कसबा थाना क्षेत्र के मोहिनी का अभिनन्दन यादव नामक एक युवक द्वारा केहाट थाना में आकर एक अभ्यावेदन समर्पित किया गया। इसमें यह आरोप लगाया गया कि मंगलवार रात्रि करीब 12 बजे केहाट थाना क्षेत्र के चुन्नी उरांव चौक के पास तत्समय पुलिस वाहन में सवार वर्दीधारी व्यक्तियों एवं एक अन्य सिविल परिधानधारी व्यक्ति द्वारा उनके पास धारित डेढ़ लाख रुपये में एक लाख दस हजार रुपये की धनराशि छीन ली गई है। इस दौरान इन सभी द्वारा उन्हें तरह-तरह की धमकियां भी दी गई। अभिनन्दन यादव के द्वारा उक्त सभी व्यक्तियों का हुलिया और धारण किये हुए परिधान के बारे में विस्तृत रूप से के हाट थाना की पुलिस को जानकारी दी गई।
कैसे हुई पूरी वारदात?
जानकारी के मुताबिक, वाहन जांच के नाम पर पुलिस ने एक गाड़ी को रोका। गाड़ी में बैठे दो लोगों को बिना किसी ठोस कारण के बाहर निकालकर उनसे जबरन पैसों की मांग की गई। पुलिसकर्मियों ने न केवल धमकी दी, बल्कि गाड़ी की तलाशी के दौरान 1.10 लाख रुपये जब्त कर लिए। ये सारी घटना पुलिस वाहन के ड्राइवर के कमरे से बरामद पैसों के साथ सामने आई।

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एसपी का त्वरित एक्शन
मामला सामने आते ही एसपी ने सख्त कार्रवाई करते हुए दारोगा सहित चारों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ितों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की गहन जांच की जा रही है। एसपी ने साफ तौर पर कहा कि कानून के रक्षक अगर भक्षक बनेंगे, तो बख्शे नहीं जाएंगे।
पुलिस की छवि पर सवाल
इस घटना ने पुलिस की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या जनता अब रात में बिना डर के सफर कर पाएगी? क्या पुलिस का वर्दी का रौब अब लोगों के विश्वास को तोड़ने का जरिया बन चुका है? कोसी टाइम्स इस मुद्दे पर आपकी आवाज बनेगा।