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  • युवाओं के व्यक्तित्व विकास में है मनोविज्ञान की महती भूमिका : प्रधानाचार्य

    मधेपुरा/ सामान्यतः व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के उपरी हाव-भाव, उसके पहनावे आदि से लिया जाता है। लेकिन यह व्यक्तित्व का महज एक आयाम है। वास्तव में व्यक्तित्व व्यक्ति के मनोदैहिक संस्थानो का गत्यामक संघटन है, जो वातावरण के प्राति व्यक्ति के अपूर्व समायोजन को निर्धारित करता है। यह बात प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने


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    मधेपुरा/ सामान्यतः व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के उपरी हाव-भाव, उसके पहनावे आदि से लिया जाता है। लेकिन यह व्यक्तित्व का महज एक आयाम है। वास्तव में व्यक्तित्व व्यक्ति के मनोदैहिक संस्थानो का गत्यामक संघटन है, जो वातावरण के प्राति व्यक्ति के अपूर्व समायोजन को निर्धारित करता है।

    यह बात प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कही। वे स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित सेमिनार का उद्घाटन कर रहे थे। सेमिनार का विषय ‘व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण’ था।

    उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व मनुष्य के स्थायी गुणों का प्रतीक है। मनुष्य की रुचियाँ उसके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं। व्यक्ति के व्यवहार उसके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा होते हैं। किसी व्यक्ति के शरीर की संरचना और उसकी मानसिक विशेषताएं व्यक्तित्व में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके सामाजिक मूल्यों से प्रभावित होता है और उसकी आदतें इससे नियंत्रित होती हैं।

    उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करता है। युवाओं के व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र-निर्माण में इसकी महती भूमिका है।

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि व्यक्तित्व एवं चरित्र एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। उत्तम चरित्र वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक दैवीय आकर्षिण आ जाता है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा अपने चारित्रिक निर्माण के प्रति सजग रहना चाहिए। चारित्रिक पतन की ओर ले जाने वाली बातों से बचना चाहिए।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि सामान्यत: व्यक्तित्व उन गुणों का समावेश है, जो दूसरों पर अपना प्रभाव स्थापित करने में मदद करते हैं। इस प्रकार, व्यक्तियों की वैसी विशेषताएँ, जो दूसरों को प्रभावित करने में मदद करती हैं, व्यक्तित्व के अंतर्गत आती हैं।

    उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व मनुष्य के स्थायी गुणों का प्रतीक है। मनुष्य की रुचियाँ उसके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं। व्यक्ति के व्यवहार उसके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा होते हैं। किसी व्यक्ति के शरीर की संरचना और उसकी मानसिक विशेषताएं व्यक्तित्व में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
    व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके सामाजिक मूल्यों से प्रभावित होता है और उसकी आदतें इससे नियंत्रित होती हैं।

    इस अवसर पर रिम्मी कुमारी, विकास कुमार, मनीष भारती, मिथिलेश कुमार, रणविजय कुमार, अविनाश कुमार, अभिनव कुमार, आशीष झा, बबलू कुमार, मृत्युंजय कुमार, अंसल, शाहनवाज़, मनीषा कुमारी, , निभा कुमारी, खुशी कुमारी, प्रियंका कुमारी, राखी कुमारी,सिन्धु कुमारी,वंदना कुमारी, विक्की विजेता, मुस्कान कुमारी, सरस्वती कुमारी, आफरीन बेगम,प्रतिभा कुमारी, पल्लवी कुमारी, अंशु कुमारी, मनीषा कुमारी, प्रियंका कुमारी, प्रतिभा कुमारी, रूपम कुमारी, सोनाली कुमारी, गुड़िया कुमारी, नीलम कुमारी, नेना कुमारी, नूतन कुमारी, सोनी कुमारी, निशा कुमारी, जुली कुमारी, प्रिया कुमारी, गीतांजलि कुमारी आदि उपस्थित थे।

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