वाराणसी@कोसी टाइम्स
मैथिल समाज, उत्तर प्रदेश और नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में काशी पत्रकार संघ के संस्थापक अध्यक्ष सम्पादकाचार्य, पं० दिनेश दत्त झा स्मृति सह सम्मान समारोह वरिष्ठ पत्रकार डा अत्रि भारद्वाज की अध्यक्षता में पराड़कर भवन में सम्पन्न। समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार सौरभ चक्रवर्ती और आगत अतिथियों द्वारा द्वारा पं० दिनेश दत्त झा के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार सौरभ चक्रवर्ती ने कहा कि स्व० पं० दिनेश दत्त झा उदार, निर्भीक व स्वाभिमानी पत्रकार थे, वे अपने सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं करते थे। सिद्धान्तों से समझौता न करने के कारण स्व० झा को जीवन पर्यन्त संघर्ष करना पड़ा, इसी का परिणाम रहा कि स्व० झा रेलवे की नौकरी छोड़कर कलकत्ता चले गये और ‘समाचार’ नामक दैनिक समाचार पत्र में काम करने लगे, लेकिन कालान्तर में उन्होंने सिद्धान्तों से समझौता न कर ‘समाचार’ को भी छोड़कर स्वयं की पत्रिका ‘शान्ति’ का प्रकाशन किया। स्व० झा का जीवन संघर्षों से भरा रहा। भारतीय पत्रकारिता के सूर्य थे दिनेश दत्त झा ऐसे युग प्रवर्तक, कलम के सिपाही के जीवन से सीख लेने की जरूरत वर्तमान दौर के पत्रकारों को है।मुख्य वक्ता पद से बोलते हुए बनारस बार के अध्यक्ष सतीश तिवारी ने कहा कि स्व० पं० दिनेश दत्त झा भाषा की शुद्धता के प्रबल समर्थक थे।
संस्कृतनिष्ठ हिन्दी व व्याकरण के बहुत बड़े कायल झा जी छोटी से छोटी भूल पर आगबबूला हो जाते थे। प्रूफ संशोधन में मामूली त्रुटि भी उनको बहुत खटकती थी। वह भाषा में हिन्दुस्तानी भाषा के प्रबल विरोधी थे। उन्होंन ‘आर्यवर्त’ के माध्यम से हिन्दुस्तानी भाषा का ऐसा विरोध किया कि बिहार सरकार को अन्ततः अपनी भाषा नीति का परित्याग करना पड़ा था।वर्तनी, भाषा, व्याकरण और हिन्दी की प्रकृति के रक्षा के लिये हमेशा क्रियाशील रहते थे। अन्वेषण-बुद्धि होने के कारण हिन्दी पत्रकारिता को नयी दिशा देने में अभिरूचि रखते थे। अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद में भाषा की तरलता पर उनकी पैनी दृष्टि रहती थी। प्रायः कहा करते थे कि हिन्दी की प्रकृति अंग्रेजी से भिन्न है। इसलिये प्रकृति की रक्षा होनी चाहिये।
विशिष्ट अतिथि नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जेम्स आगस्टस हिकी को जहां भारतीय पत्रकारिता का जनक कहा जाता है वहीं पं दिनेश दत्त झा आधुनिक भारतीय पत्रकारिता के जनक हैं झा जी के पत्रकारिता में नवीनता, निकटता, प्रमुखता,प्रभाव, संघर्ष और विशिष्टता जैसे तत्व शामिल थे| इसके अलावा समाचार को सरल, स्पष्ट और तार्किक तरीके से प्रस्तुत करते थे|

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