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  • महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती पर शोभा यात्रा और सत्संग का आयोजन

    अफजल राज/ मधेपुरा/ 20वीं सदी के महान संत महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती के अवसर पर जिले भर में भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। जिले के प्रमुख सत्संग केंद्रों सहित विभिन्न स्थानों पर अनुयायियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। जिला मुख्यालय स्थित प्रोफेसर बिंदेश्वरी बाबू के निवास स्थान से भी


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    अफजल राज/ मधेपुरा/ 20वीं सदी के महान संत महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती के अवसर पर जिले भर में भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। जिले के प्रमुख सत्संग केंद्रों सहित विभिन्न स्थानों पर अनुयायियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई। जिला मुख्यालय स्थित प्रोफेसर बिंदेश्वरी बाबू के निवास स्थान से भी अध्यात्म प्रेमियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए विश्वविद्यालय गेट से स्टेशन चौक तक पहुंची। वहां से पुनः महर्षि मेंही नगर, वार्ड नंबर 5, 3, जपालपट्टी और भिरखी होते हुए संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित सत्संग में शामिल हुई।

    सत्संग में भक्ति और आध्यात्मिकता की गूंज

    शहर के विभिन्न मंदिरों में संतों के प्रवचन, कीर्तन, भजन और भंडारा का आयोजन किया गया। महर्षि मेंहीं संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत्त शिक्षक शिवनारायण साह ने किया। उन्होंने महर्षि मेंहीं के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “मानव कल्याण के लिए आध्यात्मिक उन्नति अनिवार्य है।”

    अखिल भारतीय संतमत के पूर्व महामंत्री प्रोफेसर बिंदेश्वरी प्रसाद यादव ने कहा कि महर्षि मेंहीं परमहंसजी महाराज ने कठोर तपस्या के बल पर मानवता को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा, “विश्व ब्रह्माण्ड में संत सद्गुरु से बड़ा कोई रक्षक, शुभचिंतक या हितैषी नहीं हो सकता।”

    विद्वानों के प्रेरणादायक विचार

    इस मौके पर कई विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इंजीनियर सदानंद यादव, ओमप्रकाश यादव, प्रोफेसर वीरकिशोर, स्वामी प्रेमदास, डॉ. वैद्यनाथ लाल दास, सेवानिवृत्त शिक्षक रामचंद्र प्रसाद यादव, प्रोफेसर गजेंद्र कुमार, श्यामदेव गुप्ता, अधिवक्ता उपेन्द्र साह, सोहनलाल गुप्ता समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। महिलाओं में कला देवी, विभा कुमारी, अन्नपूर्णा देवी, विमला देवी, वीणा देवी, आशा देवी, कृष्णा देवी, प्रेमलता, अंशु आदि ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

    कार्यक्रम के समापन पर महर्षि मेंहीं परमहंस जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया गया और उनकी जयंती को अध्यात्म और मानवता के उत्थान के संकल्प के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया।

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