सिंहेश्वर, मधेपुरा/ बिहार के प्रसिद्ध देव स्थल सिंहेश्वर स्थान में सावन के चौथी व अंतिम सोमवारी को बाबा के जलाभिषेक के लिये श्रद्वालुओं का जन सैलाब उमड़ गया. रविवार रात से ही श्रद्धालुओं का छोटे- बड़े वाहनों से जैसे- तैसे लगातार आना जारी रहा. मंदिर प्रशासन ने भीड़ बढ़ता देख एक बजे रात में ही बाबा का पट एसडीएम संतोष कुमार, एएसपी प्रवेंद्र भारती, डीएसपी मुख्यालय मनोज मोहन, यातायात डीएसपी चेतनानंद झा, थानाध्यक्ष बिरेंद्र राम सहित अन्य के मौजूदगी में खोल दिया गया. लेकिन सबसे पहले बाबा का सरकारी पूजा किया गया और लगभग एक बजे से श्रद्धालुओं के जन सैलाब ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया. लगभग 12 बजे से ही श्रद्धालुओं ने कतार में लगना शुरू कर दिया. भक्तों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि कोई भी कुछ करने में असमर्थ साबित हो रहा था. पुरे मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्र का माहौल ऐसा हो गया कि बाबा का पट खुलने से पूर्व व पट खुलने के बाद बोल बम व हर हर महादेव की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गुंज उठा. जिस वजह से बाबा मंदिर परिसर सहित पुरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया. इस दौरान महिला भक्तों की संख्या भी काफी ज्यादा रही इन्होंने भी पुरूष श्रद्धालुओं के जयकारे का जवाब अपने जयकारे से देने में नही चुकी. दुर- दराज व कई स्थानीय श्रद्धालु बाबा मंदिर पहुंचने के साथ ही शिवगंगा में डुबकी लगा कर पुजा करने में जुटे रहे. भीड़ इतनी ज्यादा हो गयी कि श्रद्धालुओं को संभालना किसी के बुते की नही थी. वहीं दुर- दराज से बाबा की नगरी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. क्योंकि प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद भी बाबा नगरी में जाम से निजात नही मिल पाया. लगभग पुरे दिन पुरे बाबा नगरी की स्थिति भयावह बनी रही. जिस वजह से श्रद्धालु सहित स्थानीय लोगों को दिन भर भीषण जाम के वजह से कराहते रहे.
जाम से कराहता रहा सिंहेश्वर धाम : सावन के अंतिम सोमवारी के दिन पूरा सिंहेश्वर धाम जाम से कराहता रहा. सड़क जाम तो जैसे रोज का दिनचर्या हो चुका है लेकिन रविवार रात से ही दुर- दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के वजह से पुरा क्षेत्र पुरी तरह से स्थिर हो गया. प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद भी जाम से निजात मिल पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा था. इस जाम के वजह से जिले के आलाधिकारियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. प्रशासन के अधिकारियों को भी काफी देर तक जाम ने अपने आगोश में रखे रही. बाइपास रोड सहित अन्य सड़क में यत्र- तत्र लगे वाहनों के कारण जाम की स्थिति लगातार बनती रही. ऐसा नही कि सिर्फ बाईपास की स्थिति ऐसी थी सभी जगहों की जाम के कारण भयानक बनी रही. वहीं बताया गया कि अब तक के इतिहास में बाबा नगरी में कभी इतनी भीड़ एक साथ नहीं हुई है. इससे पहले शिव महापुराण में भी भीड़ देखी गई थी लेकिन सावन के अंतिम सोमवारी को पूरा सिंहेश्वर हांफता रहा. पूरे क्षेत्र में कोई भी ऐसा सड़क या गली नहीं थी जिसमें जाम की स्थिति नहीं बनी हो. हर सड़क पर लोग सिर्फ रेंगने को मजबूर थे.

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श्रद्धालुओं को हुई काफी परेशानी- देवाधिदेव महादेव की पुजा अर्चना के लिये लोगों का हुजुम ऐसा उमड़ा कि श्रद्धालुओं को संभालना मुश्किल हो गया. मंदिर परिसर सहित शिवगंगा पर श्रद्धालुओं की कतार दोपहर बाद तक लगी रही. बताया गया कि गर्भ गृह का पट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गयी थी. श्रद्धालु घंटो लाइन में रहकर पुजा करने को मजबुर थे. देर रात से बाबा के भक्त पूरे दिन तक एक समान चलते रहे. जिस वजह से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं एएसपी परमेंद्र भारती ने बताया कि सिर्फ बाबा के भक्तों के लिए मंदिर सहित पूरे क्षेत्र में लगभग 750 पुलिस बल को लगाया गया था. इसमें सभी रैंक के पुलिस बल मौजूद थे. वहीं यह भी बताया कि पूरे जिला के जितने भी थाना है सभी जगहों से पुलिस बल को अलग से मंगाया गया था. महिला पुलिस बल की बात करें तो पूरे जिला से अंतिम सोमवारी के लिए एक सौ महिला पुलिस बल को मंगाया गया था.
दर्जनों श्रद्धालुओं के जेवरात व मोबाइल हुये गुम : देवाधिदेव की नगरी में पुजा- अर्चना करने के लिये काफी दुर- दुर से श्रद्धालुओं का जत्था दिन भर पहुंचता रहा. देर रात से ही श्रद्धालु पूजा में लीन रहे. इसी दौरान दर्जनों श्रद्धालुओं के जेवरात व मोबाईल गुम हो गयी. किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की अनहोनी का शिकार न होना पड़े इसके लिये लगातार माइकिंग किया जाता रहा. माइकिंग में किसी भी प्रकार के आभुषण पहन कर गर्भ गृह में नही जाने की हिदायत दी जा रही थी. बावजुद इसके कई श्रद्वालु इस बात को मानने से इंकार कर देते है. लिहाजा श्रद्धालुओं का सामान चोरी होने के साथ गुम भी हो जाता है. हालांकि कई महिलाओं ने शिकायत किया कि उनका पर्स चोरी हो गया.