मधेपुरा। टीपी कॉलेज के गणित विभाग में मंगलवार को दीक्षारंभ ( नए सत्र की शुरुआत) कराया गया। बीएनएमयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. (डॉ.) राजकुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की है। यह नीति छात्रों को केंद्र में रखकर बनाई गई है और इससे छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एनईपी में छात्रों के ज्ञान के साथ-साथ कौशल विकास पर भी जोर दिया गया है। सीबीसीएस एक शैक्षणिक मॉडल है, जो छात्रों को अपना मनपसंद पाठ्यक्रम चुनने की आजादी देता है।
उन्होंने कहा कि एनईपी के तहत बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ ही बीएनएमयू में सत्र 2023-27 से चार वर्षीय स्नातक कोर्स (सीबीसीएस) पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इसमें चार वर्षीय कोर्स 8 सेमेस्टर का है और इसके लिए 160 क्रेडिट तय किया गया है। हर सेमेस्टर 20 क्रेडिट का होगा। छात्रों को अंतिम वर्ष के सातवें सेमेस्टर में पहुंचने तक 7.5 सीजीपीए प्राप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि इसमें एक वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, दो वर्ष के बाद डिप्लोमा और तीन वर्ष के बाद स्नातक की डिग्री मिल जाएगी। चौथे वर्ष में पढ़ना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने बताया कि चौथे वर्ष में नामांकन के लिए तृतीय वर्ष में 7.5 सीजीपीए जरूरी होगा। 4 वर्षीय कोर्स करने वालों के लिए पीजी एक वर्ष का ही होगा। रिसर्च में भी सुविधा होगी।
एनईपी पर होगी कार्यशाला : मुख्य अतिथि उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि सभी कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सीबीसीएस पाठ्यक्रम को केंद्र में रखकर कार्यशाला और संगोष्ठी होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बर्सर डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि कॉलेज में नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। एक भी छात्र आता है तो भी कक्षा ली जाती है।
विभागाध्यक्ष ले. गुड्डू कुमार ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से छात्रों को सीबीसीएस पाठ्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंन सभी छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति पर जोर दिया। मौके पर सौरभ चौहान, सौरव कुमार, बादल कुमार, दिलशाद आलम, गौतम कुमार, रितेश कुमार, नीतीश कुमार, प्रद्युम्न कुमार, गौतम कुमार, स्वाति कुमारी, सोनी कुमारी, संजीत सुमन, भूषण कुमार, राजा कुमार, विवेक कुमार आदि उपस्थित थे।