मधेपुरा। मधेपुरा में आयोजित दो दिवसीय युवा उत्सव 2025 का उद्घाटन जिले के प्रभारी जिलाधिकारी अरुण सिंह, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी आम्रपाली भारद्वाज, शांति यादव सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन तो भव्य रहा, लेकिन कार्यक्रम संचालन की कमजोरियों ने पहले ही दिन सवाल खड़े कर दिए।
सिर्फ दो घंटे में खत्म हुआ पूरे दिन का कार्यक्रम
युवा उत्सव का पहला दिन महज़ दो घंटे में ही समाप्त हो गया, जबकि यह पूरे दिन चलने वाला कार्यक्रम निर्धारित था। विभिन्न विधाओं में सिर्फ 80 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो वर्षों पुरानी इस परंपरा की घटती लोकप्रियता को दर्शाता है। लोगों ने कहा कि प्रचार-प्रसार के अभाव और विभाग की उदासीनता ने युवा उत्सव को कमजोर कर दिया है।
दर्शक के नाम पर बुलाए गए स्कूली बच्चे नाश्ते के लिए भटके
कार्यक्रम में प्रतिभागियों के अलावा युवा दर्शक लगभग नहीं दिखे। दर्शक संख्या बढ़ाने के लिए स्कूली बच्चों को बुलाया गया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जगजीवन आश्रम के बच्चे कुर्सी पर बैठे नाश्ते की प्रतीक्षा करते दिखे। बच्चों ने कहा— “जब आपने बुलाया, तो खिलाएगा कौन?” इस तरह की अव्यवस्था ने आयोजन की गंभीरता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया।
नियमों की अनदेखी पर भी उठे सवाल
शिक्षिका शशि प्रभा जायसवाल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुति पर भी लोगों ने आपत्ति जताई, क्योंकि युवा उत्सव में केवल 29 वर्ष तक की आयु सीमा वाले प्रतिभागियों को भाग लेने की अनुमति है। ऐसे में शिक्षिका की भागीदारी पर सवाल उठे।लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि श्रीमती जायसवाल निर्णायक मंडल की भी सदस्य है तो स्वागत गान का मौका किसी बच्चे को मिलना चाहिए.
विभाग का पक्ष
जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी आम्रपाली भारद्वाज ने कहा कि कार्यक्रम “बहुत अच्छे से संचालित हो रहा है” और कुल 80 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। बच्चों को नाश्ता न मिलने के प्रश्न पर उन्होंने कहा— “सभी बच्चों को नाश्ता दिया गया है, कुछ विलंब हुआ होगा।” प्रतिभागियों की कम संख्या पर उन्होंने बताया कि “विधाओं की संख्या कम होने के कारण प्रतिभागियों की संख्या में कमी आई है।” वहीँ शिक्षिका शशि प्रभा जायसवाल के द्वारा स्वागत गीत गाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता है कोई भी भाग ले सकता है.














