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मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है: स्वामी चतुरानंद जी महाराज

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मुरलीगंज,मधेपुरा/ जिला संतमत सत्संग का 41 वां वार्षिक अधिवेशन का दो दिवसीय समारोह प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मीरगंज में सोमवार को समाप्त हो गया। दो दिवसीय सत्संग के दूसरे दिन महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के पावन हृदय स्वरूप व पूज्यपाद महर्षि शाही स्वामीजी महाराज के विशेष कृपा पात्र आचार्य चतुरानंद जी महाराज ने श्रद्धालुओं की भीड़ को संबोधित करते हुए अपने अमृतवाणी में कहा कि मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। आप कितनी भी चतुराई से अपने पाप को छिपाने की कोशिश करें लेकिन परमात्मा की नजर से बच नहीं सकते।

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उन्होंने कहा ईमानदारी, क‌र्त्तव्यनिष्ठा के बिना धर्म कर्म अधूरा है। इससे पूर्व बाबा के आगमन पर ढोल, नगाड़े के साथ जुलूस निकाल कर भव्य स्वागत किया। समारोह में उपस्थित दूर दराज से आए संत्सग प्रेमियों को संबोधित करते हुए स्वामी निर्मलानंद जी महाराज, स्वामी लालजी महाराज स्वामी दयानंद जी महाराज स्वामी परमानंद जी महाराज स्वामी दयानंद जी महाराज भगवतनानंद जी महाराज, मुकेश बाबा, कृष्ण, सुशील बाबा सहित अन्य साधु संतों व मंच संचालक अनिल वर्मा ने श्रोताओं को नैतिक और धार्मिक संदेश दिया।

स्वामी चेतन निर्मलानंदजी ने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। वहीं जोरगामा पंचायत के पूर्व मुखिया अभय कुमार गुप्ता ने कहा कि मेरे पिताजी स्मृतिशेष कामेश्वर गुप्ता ने ग्रामीणों के सहयोग से वर्ष 2020 में ही सत्संग कराने को लेकर तैयारी की थी। लॉक डाउन होने के वजह से सत्संग स्थगित हो गया था। बीच मे ही उनका निधन हो गया। फिर से हम सभी ग्रामीणों ने मिलकर सत्संग का भव्य आयोजन करवाया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त मीरगंज, जोरगामा व रामपुर ग्रामवासी का सराहनीय योगदान रहा।

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