मधेपुरा/ राजकीय स्तर पर आयोजित होने वाला तीन दिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव शुरू होने में महज पांच दिन बचे हैं, लेकिन तैयारियों का हाल अब भी ढीला-ढाला है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि महोत्सव के लिए कलाकारों का चयन अब तक नहीं हो पाया है।
जानकारी के मुताबिक कृष्ण लीला शुरू कर दिया गया है, कार्यक्रमों की रूपरेखा भी लगभग तय हो चुकी है, लेकिन मुख्य कलाकारों की सूची अब तक फाइनल नहीं की गई है। ऐसे में चिंता का माहौल है कि अंतिम समय में जल्दबाजी में किसी भी तरह कलाकारों को फाइनल कर कार्यक्रम शुरू करना पड़ेगा।
स्थानीय लोगों और सांस्कृतिक जानकारों का कहना है कि तैयारी की यही लापरवाही कार्यक्रम की गुणवत्ता पर असर डालती है। कलाकारों के अंतिम समय में चयन होने से न तो बेहतर प्रदर्शन हो पाता है और न ही कार्यक्रम का प्रभाव जनता तक पहुंच पाता है।सबसे बड़ी समस्या प्रचार-प्रसार की कमी है। आयोजन से जुड़े लोग बताते हैं कि कलाकार और कार्यक्रम समय पर फाइनल न होने की वजह से जनता को पहले से सही जानकारी नहीं मिल पाती, नतीजतन
- दर्शक नहीं पहुंच पाते,
- कुर्सियां खाली रह जाती हैं,
- और सरकारी धन का उचित उपयोग नहीं हो पाता।
गोपाष्टमी महोत्सव मधेपुरा में तीन दिनों तक चलने वाला राजकीय सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें हर वर्ष धार्मिक व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती हैं। लेकिन इस बार भी तैयारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि
- कलाकारों का चयन समय पर हो,
- कार्यक्रम सूची समय से जारी की जाए,
- और प्रचार-प्रसार को बढ़ाया जाए,
ताकि महोत्सव में अधिक से अधिक लोग जुड़ सकें और सरकारी खर्च का सार्थक उपयोग हो सके।














