सिंहेश्वर,मधेपुरा/ तीन दिवसीय सिंहेश्वर महोत्सव में कलाकारों के चयन में जिलाधिकारी के मनमानी भरे रवैये पर स्थानीय विधायक फुट पड़े। डीएम पर बरसते हुए विधायक ने कहा कि बीते वर्ष और पुनः इस साल भी डीएम महोत्सव के कलाकारों के चयन में अपनी मनमानी कर रहे है। स्थानीय जनमानस के इच्छा के अनुरूप कलाकारों का चयन नही किया गया है। इस मामले को लेकर जल्द ही पटना जाकर सीएम नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम से मिलकर सारी बातों से अवगत कराएंगे।
स्थानीय राजद विधायक चंद्रहास चौपाल शनिवार को मेला के एक स्टाल के उदघाटन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए विधायक डीएम व एसडीओ के रवैये पर भड़क उठे। विधायक ने डीएम पर कई आरोप लगाए। कलाकारों के चयन के बारे में विधायक ने कहा कि 20 लाख रुपये के आवंटन वाले मधेपुरा के गोपाष्टमी महोत्सव में इससे अच्छे कलाकारों का चयन किया गया। सिंहेश्वर महोत्सव के लिए 30 लाख रुपये का आवंटन करने के वावजूद ऐसे कलाकारों का चयन किया गया है जिन्हें कोई जानते तक नही है। इन्होंने कहा कि इस बजट में गजल गायक चंदन दास, भजन सम्राट अनूप जलोटा,पंकज उधास,मालिनी अवस्थी जैसे कलाकारों का कार्यक्रम यहां कराया जा सकता था। जबकि ऐसा न करके डीएम व एसडीओ अपनी पसंद से कलाकारों को लाते है। जो सर्वथा गलत है। कलाकारों के चयन में आम जनमानस से सोच समझकर ऐसे कलाकारों को लाते जो स्थानीय लोगों के पसंद के अनुरुप होते। लेकिन आम जनता के टेक्स के रुपयों को जिलाधिकारी अपने पसंद के कलाकारों पर खर्च कर रहे है। कलाकार ऐसे लाये जाते है कि लोग आना नही चाहते है। बीते वर्ष भी ऐसा ही किया गया था। जब भीड़ नही जुट रही थी तो जबरदस्ती सरकारी कर्मियों एवं शिक्षकों को भीड़ दिखाने के लिए लाया जाता है। यह सरासर मनमानी है।
विधायक का फोन नही उठाते डीएम: विधायक ने इस मौके पर यह भी कहा कि डीएम फोन नही उठाते है। शुक्रवार की शाम जब कॉल किये तो उन्होंने बताया कि किसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त है। फ्री होकर करते है। लेकिन कॉल नही आया। पुनः जब शनिवार की सुबह कॉल किया तो भी कॉल नही उठाया गया और न ही बाद में कॉल बैक किया गया। विधायक ने कहा कि जब सांसद विधायक का सम्मान ब्यूरोक्रेट्स नही करते तब तो डीएम को ही राजनीति करना चाहिए।
सांसद की भी नही सुनते डीएम: विधायक ने कहा कि शुकवार को स्थानीय सांसद से भी बात हुई। उनसे भी इस बात पर चर्चा हुई। सांसद ने भी कहा कि उनसे भी मेला एवं महोत्सव पर जिलाधिकारी द्वारा किसी भी तरह का विमर्श नही किया गया। और न ही मेला उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया। विधायक ने स्पष्ट कहा कि जिला पदाधिकारी के इसी मनमाने रवैये के कारण मेला उदघाटन समारोह में नही आया।