मधेपुरा/ किशोर उम्र के बेहतरीन खिलाड़ी के साथ मधेपुरा के एडीएम विभागीय जांच द्वारा दौड़ा दौड़ा कर मारपीट करने की घटना बिहार के बेलगाम अफसरशाही को बेनक़ाब करता है. इस सरकार में आम अवाम की यही स्थिति है कि अफसर जब चाहे उसे खेलने को कहे और मन मुताबिक अगर ना हो तो खदेड़ कर मारपीट करे. यह बातें बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री मधेपुरा के विधायक प्रो चंद्रशेखर ने शनिवार की देर शाम इनडोर स्टेडियम में कुछ खिलाड़ियों के साथ अधिकारी द्वारा मारपीट की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि इस अधिकारी को मुअत्तल किया जाए. मानसिक यंत्रणा से गुजर रहे खिलाड़ी का समुचित इलाज करने के साथ-साथ उसे मुआवजा भी प्रदान किया जाए. एडीएम विभागीय जांच शिशिर कुमार मिश्रा खेल पदाधिकारी के प्रभार में हैं . उनके द्वारा यह कहना कि अब स्टेडियम में खेल नहीं पाओगे अपने आप में बयां करता है कि किस तरह पूरे बिहार की स्थिति अराजक हो गई है. अधिकारी अपने आप को शहंशाह समझ रहे हैं. राजनीतिक नेतृत्व की कमजोरी का यह फल है कि जनता को नजरअंदाज करके अधिकारियों के फायदे के लिए नियम बनाए जाते हैं.
पूर्व मंत्री ने कहा अगर खिलाड़ी को इंसाफ नहीं मिलता है तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। सदन में इसकी आवाज उठाई जाएगी. मधेपुरा के बेटे के साथ की गई नाइंसाफी के मामले में हर स्तर पर संघर्ष किया जाएगा।