Kosi Times
तेज खबर ... तेज असर

हमने पुरानी ख़बरों को archieve पे डाल दिया है, पुरानी ख़बरों को पढ़ने के लिए archieve.kositimes.com पर जाएँ।

- sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

नहीं रहे CBI के पूर्व संयुक्त निदेशक एन. के. सिंह।

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को किया था गिरफ़्तर। फर्जी इंकॉन्टर मामले में भी पुलिस कर्मियों को दिलवाई सज़ा। दिल्ली में हुआ अंतिम संस्कार।

- Sponsored -

तुरबसु

मधेपुरा जिला के कुमारखंड  प्रखंड के एक छोटे से गाँव से CBI के संयुक्त निदेशक के पद तक पहुंचने वाले IPS अधिकारी निर्मल कुमार सिंह का आज निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली में निधन हो गया। सूचना के अनुसार वे लंबे समय से डायलासिस पर चल रहे थे। दो दिन पहले टहलने के दरम्यान वे गिर गए थे, जिसके कारण ब्रेन हेमरेज हो गया था।

CBI के पूर्व संयुक्त निदेशक एन. के. सिंह।

एन. के. सिंह, पटना विश्वविद्यालय से MA की पढ़ाई करने के बाद कुछ समय के लिए अध्यापन भी किए, लेकिन बहुत कम उम्र में सिविल सेवा में जाने के कारण अध्यापन का काम छोड़ पुलिस सेवा की नौकरी शुरू किये। वे मूल रूप से उड़ीसा कैडर के IPS अधिकारी थे लेकिन लंबे समय तक केंद्र में ही प्रतिन्युक्ति पर रहे।

राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार।

इंदिरा गाँधी को गिरफ़्तर किये थे एन. के. सिंह। 

आपात काल के बाद जब मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री थे उस समय 4 अक्टूबर 1977 को कथित जीप स्कैंडल में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी जिस CBI अधिकारी द्वारा की गई थी उनका नाम एन.के. सिंह था। हालांकि इंदिरा गांधी को 16 घंटे बाद ही बेल मिल गई थी। CBI में उनका कार्यकाल दो खण्डों में रहा। बाद में सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर रहते हुए ही वे रिटायर हुए।सीबीआई में रहते हुए वे देश के कई महत्वपूर्ण केस का अनुसंधान किया। जिसने देश की राजनीति को दूरगामी तौर पर प्रभावित किया। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठता के कारण उनकी राजनेताओं से कई बार ठन जाती थी यही कारण रहा कि वे सीबीआई के डायरेक्टर नहीं बन पाए थे।

विज्ञापन

विज्ञापन

अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे लोग।

राजनीति में भी लिया भाग। 

पुलिस सेवा की नौकरी से रिटायर होने के बाद वे लंबे समय तक राजनीति में भी सक्रिय रहे। वे मूल रूप से गांधीवादी समाजवादी थे, जिनका समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में अटूट विश्वास था। चर्चित समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस के करिश्माई व्यक्तित्व से प्रभावित होकर वे रिटायर होने के बाद राजनीति में आए थे। एनके सिंह “समता पार्टी” के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। समता पार्टी के सिंबल पर वे कई दफा मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें कभी वांछित सफलता नहीं मिल पाई। वे अभी भी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे।

पंचतत्व में विलीन हुए एन. के. सिंह।

पुलिस अधिकारी को पहुंचाया जेल। 
आज से करीब 27 साल पहले 1998 में जब बिहार में जातीय तनाव चरम पर था तब मधेपुरा और पूर्णिया जिला के बॉर्डर से सटे सीमावर्ती गांव “जोतैली” के संतोष सिंह नामक नवविवाहित युवक को पूर्णिया जिला के बड़हारा कोठी थाना और मधेपुरा जिला के बिहारीगंज थाना की पुलिस ने एक फर्जी इनकाउंटर में मार दिया था। पिछले साल इस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दोनों थाना के थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी को उम्रकैद से लेकर पांच साल तक की सजा सुनाई थी। मृतक संतोष सिंह का परिवार अत्यंत गरीब था। इस मामले को सीबीआई को सुपुर्द करवाने और सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करवाने में एनके सिंह जी की बहुत बड़ी भूमिका थी।

मधेपुरा में शोक की लहर। 

उनके निधन पर हर तरफ शोक की लहर है। बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव , विधान परिषद सदस्य डॉ संजीव सिंह, डॉ अजय कुमार सिंह , पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद डॉ रेणू कुशवाहा, पूर्व मंत्री रविंद्र चरण यादव ,पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केशर सिंह, डॉ प्रो पूजा भारती, इंटक जिला अध्यक्ष संजय कुमार सिंह,पूर्व प्रमुख जयप्रकाश सिंह, प्रभात कुमार सिंह, भाजपा नेता अखिलेश कुमार सिंह उर्फ नुनु बाबू, जदयू नेता महेंद्र पटेल, हाजी अब्दुस सत्तार, प्राचार्य रविंद्र कुमार रमन, डॉ डीके सिन्हा, CPI नेता प्रमोद प्रभाकर, डॉ इन्द्रभूषण कुमार, डॉ एस के संत,  डॉ एके मिश्रा आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की है।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

आर्थिक सहयोग करे

- Sponsored -

Leave A Reply