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  • सेवा शुल्क नहीं चुकाने पर महिला ने चुराया साहब टाइप अधिकारी के पास रहे बड़े साहब का सरकारी मोबाइल

    प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ यूं तो मधेपुरा में एक हजार से दस लाख तक का मोबाइल लोगों के हाथ में है, लेकिन कुछ मोबाइल कम कीमत का रहने के बावजूद भी दस लाख से ज्यादा का है और जब इस मोबाइल को किसी कार्य के बदले शुल्क नहीं देने के कारण कोई चुरा ले तो क्या कहिएगा।


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    प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ यूं तो मधेपुरा में एक हजार से दस लाख तक का मोबाइल लोगों के हाथ में है, लेकिन कुछ मोबाइल कम कीमत का रहने के बावजूद भी दस लाख से ज्यादा का है और जब इस मोबाइल को किसी कार्य के बदले शुल्क नहीं देने के कारण कोई चुरा ले तो क्या कहिएगा। निश्चित ही दोनो बड़ा कांड है। एक तो कोई काम करवाकर शुल्क नहीं देना, दूसरा चोरी कर लेना।

    अब आपको पूरी कहानी समझाते हैं। हुआ ये कि जिले के एक साहब के अधिकारी के सरकारी आवास पर एक महिला दो साल से खाना बनाने आती थी। लेकिन उसे मनमाफिक रुपए नहीं दिया जाता था। इस कारण से वह  परेशान  थी और मौके के ताक में भी थी। वह चाहती थी कि कुछ ऐसा किया जाए, ताकि साहब टाइप अधिकारी की करतूत उनके बड़े साहब तक पहुंच जाए। इसी बीच बीते दिन उन साहब टाइप अधिकारी के बड़े साहब का मोबाइल उनके पास कुछ दिनों के लिए आ गया। फिर  क्या, महिला को मौका मिल गया। सरकारी आवास से मोबाइल चोरी हो गई। मोबाइल जैसे ही चोरी हुई, चोरनी ने उसे ऑफ कर दिया। चर्चा ये है कि इसी बीच बड़े साहब के भी बड़े साहब ने मोबाइल वाले साहब को याद किया, तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला। अब तो भूचाल आया कि व्हाट इज दिस…. हाउ ईट पॉसिबल….बड़े साहब ने जांच करवाई तो पता चला कि मोबाइल दूसरे जिला में स्विच ऑफ हुआ है। अब तो मामला गहरा गया…जिले के साहब के तेज तर्रार साहब ने “ऑपरेशन मोबाइल” शुरू कर दिया। इसके बाद मोबाइल चोरी करने वाली को पकड़ लिया गया। उससे जब कैमरे के सामने पूछा गया तो महिला ने पूरी कहानी उनके सामने रख दी।  

    पूछताछ हुआ तो उसने बताया कि साहब पैसा देते नहीं थे तो मोबाइल लेकर हम निकल गए। बड़े साहब ने मोबाइल दिलवाया और मामला कैसे रफा दफा हुआ इसमें नहीं जाना है आपको। आप सीधे इधर आइए….विभाग में अब कई तरह की “चर्चा” है। उनके जैसे वरीय और कनीय भी अब कहने लगे हैं कि वे तो हमलोग जैसे ही निकले। अबतक कंबल ओढ़ कर घी पी रहे थे।

    साहबों को होती है होम डिलवरी : हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। जिले के कई साहब हैं जिन्हें उनके एजेंट मधेपुरा, नेपाल और पटना तक सर्विस दिलाते हैं। बदले में पैरवी की मोटी रकम अपने पॉकेट में रखते हैं। ऐसे ही एक ममले में  एक साहब को होम डिलिवरी में कॉलेज बैग के साथ लड़की बताकर महिला भेज दिया गया। इसके बाद साहब का मूड ही ऑफ हो गया था। एजेंट का पत्ता भी…..

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