मधेपुरा/मंगलवार को जिला मुख्यालय के राजकीयकृत केशव बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के परिसर में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सामाजिक,सांस्कृतिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सृजन दर्पण के कलाकारों ने ‘आनंदी का संदेश’ नामक नाटक का संदेशप्रद मंचन किया।
नाटक में खासकर दिखाया गया कि शिक्षा के अभाव के कारण नायिका आनंदी में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी गलत अवधारणाएँ बन जाती है। सहज ही अंधविश्वास और पाखंड के प्रति आस्था उत्पन्न हो जाती है। नवजात बच्चे की अशिक्षा के कारण असमय देहांत हो जाता है।
नाटक के दूसरे हिस्से में आनंदी बैन जब पति की प्रेरणा से पढ़ाई शुरू कर अंततः डाक्टर बनकर विदेश से आती है तो बहुत से महिलाओ का उद्धारक बनती है। एक अशिक्षित अबोध बालिका से सुशिक्षित चिकित्सक तक का संधर्षपूर्ण सफ़र उनके जीवनगाथा को समस्त बालिका के लिए प्ररेणा बना देती है।कैसे शिक्षा अंधविश्वास और पाखंड के कुहासा भरे लोक को खत्म कर जीवन-जगत के यथार्थ लोक को आलोकित करता है इसकी अनुभूति हमें नाटक के बहेतरीन प्रस्तुति से सहज ही होता है।
आनंदी और गोपाल राव के किरदार को स्नेहा कुमारी और रंगकर्मी बिकास कुमार ने अपने जीवंत अभिनय से मौजूद दशकों को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के पल्लवी कुमारी और सोनम कुमारी ने अहम भूमिका निभाई। मौके पर प्राचार्य विभा कुमारी ने कहा कि बेटी को परिवार के केन्द्र में रहकर हकीकत की दुनिया में कई किरदार निभाना होता है। इसके अशिक्षित होने से इनके कई गलतफहमियां विकसित हो जाती है जिसका असर परिवार समाज पर पड़ता है। वही इसकी शिक्षा इन्हें सबल बनाती है। फलत: परिवार और समाज सबल बनती है।