Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home/kositimes/web/kositimes.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
कोशी पर शोध (पीएचडी) कर लंदन वि.वि. में चयनित, डॉ. राहुल यादुका का व्याख्यान हुआ सम्पन्न - Kosi Times
  • Desh Duniya
  • कोशी पर शोध (पीएचडी) कर लंदन वि.वि. में चयनित, डॉ. राहुल यादुका का व्याख्यान हुआ सम्पन्न

    सुपौल/ कोशी नव निर्माण मंच द्वारा बी.एस.एस. कॉलेज परिसर में शाम में 5 बजे से कोशी पर शोध कर, हाल ही में लंदन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई देशों के नदी और पानी के विषय पर शोधकर्ता के रूप में चयनित डा. राहुल यादुका का व्याख्यान आयोजित हुआ। इस व्याख्यान को संबोधित करते हुए डॉ राहुल


    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    सुपौल/ कोशी नव निर्माण मंच द्वारा बी.एस.एस. कॉलेज परिसर में शाम में 5 बजे से कोशी पर शोध कर, हाल ही में लंदन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई देशों के नदी और पानी के विषय पर शोधकर्ता के रूप में चयनित डा. राहुल यादुका का व्याख्यान आयोजित हुआ।

    इस व्याख्यान को संबोधित करते हुए डॉ राहुल यादुका ने कहा कि मैं सहरसा नगर का निवासी हूं पर अपने शोध के कार्य के क्रम में कोशी नदी और उसके बीच के लोगों की मूल समस्याओं को समझ पाया। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में दुनिया की खबर तो सभी लोग रखते है पर पास की कोशी की खबर नहीं रखते है।जबकि ये लोग शंकर भगवान की तरह समूचे कोशी क्षेत्र के कल्याण के लिए विषपान ( कुर्बानी) किए जिनके बदौलत आज सभी लोग खुशहाल है। उन्होंने कहा कि जब मैं कोशी को शोध के विषय के रूप में चुना तो पटना में अनेक वरिष्ठ अफसर इसको आज के दौर के लिए अप्रासंगिक बताया। यहां भी अनेक दफ्तरों में जब गया तो उसमें बैठे अफसरान के लिए कोशी के भीतर के लोगों के सवाल कोई सवाल नहीं लगे उनके हिसाब से सबकुछ ठीक है। यदि संगठन के लोग नहीं होते तो मै भी शायद तटबंध पर घूमकर यही निष्कर्ष निकालता। कोशी के भीतर के लाखों लोगों के जीवन और उनसे जुड़ा सवाल आज भी महत्वपूर्ण है। सिर्फ 1954 में तटबंध बनाकर उनलोगों को नदी के बीच नहीं छोड़ा गया बल्कि सुरक्षा बांध और गाइड बांध बनाकर लगातार नदी की चौड़ाई घटाई गई है, नदी का तल ऊंचा हुआ है और ग्लोबल वार्मिंग का संकट बढ़ा है। इसलिए कोशी नदी के समाधान की बात कोशी मेची नदी जोड़ परियोजनाओं के बजाय नए तरीके से तलाशनी है। वहां के लोगों के शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास, प्राधिकार इत्यादि तात्कालिक सवालों को हल करना होगा। यह तभी होगा जब तटबंध के बाहर के लोग भी संवेदना के साथ भीतर के लोगों की पीड़ा के साथ खड़ा होंगे। शोध के निष्कर्षों और अंतराष्ट्रीय समुदाय के बीच कोशी की स्थिति को बताते हुए क्षेत्र के लोगों और संगठन के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किए।

    कार्यक्रम की शुरुआत, में राहुल यादुका को मैथिली पाग पहनाकर, अंगवस्त्र देते हुए माला पहनाकर स्वागत किया जिसके बाद कोशी नव निर्माण मंच अध्यक्ष इंद्र नारायण सिंह ने आए लोगों का स्वागत करते हुए विषय प्रवेश कराया, वहीं शिक्षक सजल कुमार दास, शहर के प्रमुख व्यवसायी और डॉ यादुका के फुफेरे भाई अमित मोहनका, शोधार्थी आरिफ निजाम, शिक्षक अजय कुमार, इंजीनियर विद्याभूषण, कामरेड अरविंद शर्मा, अनिल सिंह, दुःखी लाल, एडवोकेट सूर्य नारायण यादव, सोनी कुमारी इत्यादि लोगों ने इनके लोगों से जुड़कर, शोध कार्य करने की प्रशंसा की।

    अध्यक्षता करते हुए प्रो निखिल कुमार ने कोशी के ऐतिहासिक संदर्भों का जिक्र करते हुए, वर्तमान में समाधान की जरूरत पर बल दिया और कहा कि राजनैतिक और प्रशानिक क्षेत्र में बैठे लोगों के उदासीनता की वजह से शोध कार्यों और शोध ग्रंथों का लाभ स्थानीय समाज को नहीं के बराबर मिलता है यह दूर होना चाहिए। तथ्यपरक, जमीन से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर शोध के लिए डॉ राहुल यादुका की प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं दी।

    कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन NAPM के राज्य संयोजक मंडल के राम चंद्र यादव ने किया वहीं संचालन महेंद्र ने की। कार्यक्रम में शहर के अनेक बुद्धिजीवी और सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम की व्यवस्था प्रमोद राम, धर्मेन्द्र, सुभाष, इंद्रजीत, सतीश सुमन, रमन जी, राजेश मंडल, जयप्रकाश इत्यादि लोगों ने मिलकर किया।

    विदित हो कि डॉ. राहुल यादुका IIT- मुंबई से सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम.ए और दिल्ली स्थित अम्बेडकर विश्वद्यालय से अपना शोध कार्य (पीएचडी) पूरा किए हैं| इनके शोध का विषय कोशी तटबंध के भीतर के लोगों के सवालों पर केन्द्रित है। डॉ. यादुका सुपौल जिले के कोशी तटबंध के भीतर के गाँवों में कोशी नव निर्माण मंच के माध्यम से वर्षों तक रहते हुए वहां के जन-जीवन और कोशी के मूलभूत सवालों के बारे में गहन व गंभीर अध्ययन पूरा किए है।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    प्रतिमाह ₹.199/ - सहयोग कर कोसी टाइम्स को आजद रखिये. हम आजाद है तो आवाज भी बुलंद और आजाद रहेगी . सारथी बनिए और हमें रफ़्तार दीजिए। सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    Prashant Kumar Avatar
    इस खबर पर आपकी कोई शिकायत या सुझाव हो तो हम तक अपनी बात पहुंचाये । मेल करें [email protected].
    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।