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  • रेल इंजन कारखाना के मुख्य द्वार पर विभिन्न मांगों को लेकर दिया धरना

    बबलु कुमार/ मधेपुरा/मधेपुरा स्थित विश्व के दूसरे सबसे बड़े इलेक्ट्रिक रेल इंजन कारखाना के मुख्य द्वार पर स्थानीय जाप नेता और किसान मोर्चा ने संयुक्त रूप से आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रेल मंत्रालय तथा कारखाना के मुख्य अधिकारी के खिलाफ जमकर नारे बाजी की और कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो


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    बबलु कुमार/ मधेपुरा/मधेपुरा स्थित विश्व के दूसरे सबसे बड़े इलेक्ट्रिक रेल इंजन कारखाना के मुख्य द्वार पर स्थानीय जाप नेता और किसान मोर्चा ने संयुक्त रूप से आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रेल मंत्रालय तथा कारखाना के मुख्य अधिकारी के खिलाफ जमकर नारे बाजी की और कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा।

    धरना का नेतृत्व कर रहे जाप नेता अनिल अनल ने कहा कि कारखाना के लिए जमीन अधिग्रहण करने के समय रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था की जिन जिन किसानों की जमीन ली गई है उनके परिवार के एक एक सदस्य को कारखाना में नौकरी दी जाएगी, यहां निर्मित इंजन पर मधेपुरा का नाम लिखा जाएगा,बच्चे को मुफ्त में शिक्षा दी जाएगी,आस पास के गांव में लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी, यहां के साठ साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग को दो हजार रूपये पेंशन दिया जाएगा,मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाएगी इतना ही नहीं कारखाना के अगल बगल के गांव को कंपनी गोद लेकर वहां का सर्वांगीण विकास करेगी।लेकिन कारखाना चालू होने के पांच साल बाद भी आज तक किसी तरह की सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है।

    उन्होंने कहा सारी घोषणाएं मुंगेरीलाल का सपना बनकर रह गया है।उन्होंने यह भी कहा कि उल्टे रेल मंत्रालय और अल्स्टॉम कंपनी के अधिकारी स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देने के बजाय दलाल के माध्यम से दूसरे प्रदेश के लोगों को कारखाना में रोजगार दे रखा है।उन्होंने कहा कि जब यहां कारखाना स्थापित होने की घोषणा हुई थी तो स्थानीय लोग खुशी से अपनी जमीन दे दी, ताकि कारखाना बनने के बाद उनके बच्चे को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का सर्वांगीण विकास भी होगा।लेकिन अब तक कोई भी लाभ नहीं मिल पाया है,जिसके कारण स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

    बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विश्व के दूसरे सबसे बड़े इलेक्ट्रिक रेल इंजन कारखाना मधेपुरा में लगाने की घोषणा की गई थी और 1160 एकड़ जमीन भी अधिगृहत कर ली गई थी।लेकिन कारखाना का निर्माण प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल में पूरा किया गया और रेल मंत्रालय फ्रांस की कंपनी अलस्ट्रॉम के साथ मिलकर इंजन निर्माण का कार्य शुरू की है जहां से अब तक सैकड़ों इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनकर निकल चुकी हैं।

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