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धड़ल्ले से बिक रहा नकली सामान, उपभोक्ता संरक्षण कानून की उड़ रही धज्जियां

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गौरव कबीर/उदाकिशुनगंज,मधेपुरा/ उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय में नकली सामानों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।खासकर कपड़ा और खाद्द सामग्री की बिक्री बेरोकटोक की जा रही है।नक्कलों से सावधान का स्लोगन भले ही सतर्क रहने का आभास कराता हो, लेकिन हकीकत यह है कि बाजार में तमाम ब्रांडेड कंपनियों के नकली सामानों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। यह असली से इतने मिलते-जुलते हैं कि कंपनी का एक्सपर्ट भी धोखा खा जाए, लेकिन मामले में अधिकारी उदासिन हैं।उपभोक्ता खासा परेशान नज़र आ रहे हैं।

यहाँ के विभिन्न होटलों की स्थिति यह है कि खाद्य सामग्री में भारी मिलावट की जा रही है। खाद्य सामग्रियों के नकली होने के मामले अक्सर ही सामने आते रहते हैं। लेकिन हाल के दिनों में नकली जींस, टीशर्ट समेत अन्य कीमती सामानों के पकड़े जाने से साबित होने लगा है कि बाजार में नक्कलों का गिरोह गहरी पैठ बना चुका है।इस कारोबार में व्यवसायी की कमाई मोटी हो रही है।मामले में शिकायत करने पर व्यवसायियों के द्वारा धौंस दिखाकर लोगों को डराया जाता है।

ग्राहकों को नकली माल दिया जाता है जबकि पैसे असली का लेते हैं :-लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि ग्राहकों को कॉपी कपड़ा देकर बताया जाता है कि वह ओरिजनल है।कहने पर व्यवसायी के द्वारा बताया जाता है कि यह ओरिजिनल है।बैंक चौक और मुख्य बाजार स्थित स्थित एक बड़े दुकान में बड़े पैमाने पर यह धंधा फलफूल रहा है।

होटलों में पड़ोसा जाता है मिलावटी खाद्य सामग्री:-क्षेत्र के विभिन्न होटलों में निम्न स्तर के खाद्द सामग्री से मिठाई, लड्डू,समोसा इत्यादि बनाया जाता है।जिससे लोगों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही है।डॉक्टरों के मुताबिक निम्न स्तर के घटिया सामग्री से बना हुआ मिठाई,लड्डू इत्यादि से कैंसर का खतरा है।

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खरीदारी से पहले करें जांच-पड़ताल:-अक्सर ब्रांडेड सामान की खरीदारी करते समय कम कीमत या छूट उपभोक्ता को आकर्षित करती है। ऐसे में जरूरी है कि प्रलोभन वाले सामानों की असलियत परखें। जरूरत हो तो कंपनी के टोल फ्री नंबर पर बात कर तस्दीक कर सकते हैं। यह आपको धोखा खाने से बचाएगा। इन सब के बाद भी अगर ठगी के शिकार हो गए तो उपभोक्ता संरक्षण कानून की मदद ले सकते हैं।उपभोक्ताओं से बात करने पर पता चला कि कई बार अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन परिणाम कुछ नहीं हुआ।

लग सकता है जुर्माना:- अगर मिलावटी और नकली सामान से उपभोक्ता को कोई नुकसान नहीं होता है तो सामान बनाने वाले को छह माह की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अगर उपभोक्ता को उस मिलावटी सामान के इस्तेमाल से मामूली नुकसान होता है तो एक साल की जेल और तीन लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नकली सामान के इस्तेमाल से उपभोक्ता को गंभीर नुकसान होता है तो निर्माता को सात साल की जेल और पांच लाख रुपये का जुर्माना भुगतना होगा। अगर मिलावटी या नकली सामान के इस्तेमाल से उपभोक्ता की मौत हो जाती है तो सामान बनाने वाले को उम्रकैद की सजा भी मिल सकती है और कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भुगतना होगा। इस प्रकार के मैन्यूफैक्चरर्स के लाइसेंस को भी रद्द करने का प्रविधान किया गया है। 

नही होती है कार्यवाही,सम्बंधित अधिकारी मौन:-

क्षेत्र में उक्त सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं होती।जिससे ऐसे व्यवसायियों का मनोबल बढ़ा हुआ है।क्षेत्रीय प्रशासन उक्त मामले में कार्यवाही करने से हिचक रहे हैं।

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