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  • विद्यालय में सिख धर्म गुरु नानक एवं विरसा मुंडा की जयंती का आयोजन

    मधेपुरा प्रतिनिधि महान संत गुरु नानक एवं बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में आज शुक्रवार को जिले के कन्या मध्य विद्यालय चौसा में एक समारोह का आयोजन कर बड़े ही धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाया गया।दोनों महान संतों के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धाजलि दी गई।उसके बाद उनके


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    मधेपुरा प्रतिनिधि
    महान संत गुरु नानक एवं बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में आज शुक्रवार को जिले के कन्या मध्य विद्यालय चौसा में एक समारोह का आयोजन कर बड़े ही धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाया गया।दोनों महान संतों के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धाजलि दी गई।उसके बाद उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चर्चा की गई।


    समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक विजय पासवान ने कहा कि आज गुरु नानक जी की 555वीं जयंती मनाई जा रही है। यह त्योहार हर साल कार्तिक पूर्णिमा को ही मनाया जाता है।कहते हैं कि इस दिन सिखों के पहले गुरु गुरु नानक साहब का जन्म हुआ था। गुरु नानक देव की जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।इस दिन सिख धर्म के लोग लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. गुरुद्वारों में होने वाले भजन, कीर्तनों में शामिल होते हैं।


    बाल संसद के शिक्षक संयोजक संजय कुमार सुमन ने कहा कि सिख धर्म के प्रथम गुरु नानक देव जी हैं वह एक ऐसे महान धार्मिक गुरु थे जिन्होंने जीवन में सदैव लोगों को भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी वैचारिकी इतनी शक्तिशाली थी कि आज के समय में भी उसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।नानक साहब सिख धर्म के संस्थापक थे। आस्था, सामाजिक न्याय के लिए प्रयास, ईमानदार आचरण और सभी के लिए समृद्धि सिख धर्म के कुछ अंतिम सिद्धांत थे। सिख समुदाय आज गुरु नानक को अपने समुदाय की सर्वोच्च शक्ति के रूप में पूजता है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में ही बिरसा मुंडा की अंग्रेजों के खिलाफ जंग छिड़ गई थी, जिसे उन्होंने मरते दम तक कायम रखा था।बिरसा मुंडा और उनके समर्थकों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे।जल, जंगल, जमीन और स्वत्व की रक्षा के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया।आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले बिरसा ने उलगुलान क्रांति का आह्वान किया।भगवान बिरसा मुंडा की गौरव गाथा युगों – युगों तक प्रेरणा देती रहेगी।
    मौके पर शिक्षक हकीम उद्दीन,उमेश प्रसाद यादव,बिंदु कुमारी, रेहाना खातून,बाल संसद की प्रधानमंत्री श्रुति शर्मा, उपप्रधानमंत्री मनीषा कुमारी, शिक्षा मंत्री अंजलि शर्मा, सुप्रिया कुमारी, छोटी कुमारी, ऋतिका कुमारी,प्रतिभा कुमारी,सरस्वती कुमारी, पूजा कुमारी, रौशनी कुमारी,आँचल कुमारी, सिंधु सानिया समेत दर्जनों की संख्या में बच्चे उपस्थित थे।

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