मधेपुरा/बच्चों में होने वाला कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या है पूरे विश्व में प्रतिवर्ष चार लाख कैंसर के नए मरीज सामने आ रहे हैं.पचास हज़ार बच्चे प्रतिवर्ष भारत में भी कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं. प्रदूषण भोजन में मिलावट जंक फूड का अधिक सेवन कम उम्र में तंबाकू का सेवन या पैसिव स्मोकिंग का शिकार होना डाउन सिंड्रोम लाइफस्टाइल संबंधी गड़बड़ी बच्चों में बढ़ रहे कैंसर के कुछ आम कारण है जबकि केमिकल इंसेक्टिसाइड फर्टिलाइजर और प्लास्टिक के संपर्क में आने से भी कर्क रोग का खतरा बढ़ रहा है. अविकसित सेल का लगातार डिवीजन होना ही कैंसर है ।यह जानकारी बुधवार को आर आर ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्कूल परिसर में उपस्थित छात्र-छात्राओं के बीच लाइंस क्लब मधेपुरा द्वारा चाइल्डहुड कैंसर अवेयरनेस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लायंस क्लब के अध्यक्ष डॉ आर पप्पू ने कहीं.
स्कूल के प्रबंध निदेशक राजेश कुमार राजू प्रिंसिपल राकेश कुमार एवं छात्र-छात्राओं द्वारा लायंस क्लब के सदस्यों का तिलक लगाकर अभिनंदन किया गया. प्रबंध निदेशक ने कहा लायंस क्लब का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम इस स्कूल में हो रहा है या गौरव की बात है ।नई जानकारी से लैस होकर बच्चे अपने परिवेश समाज एवं भविष्य में अन्य लोगों को भी प्रशिक्षित करेंगे.
–डर के आगे जीत है, लाइलाज नहीं रहा है कैंसर- डॉ आरके पप्पू ने कहा कैंसर अब ला इलाज नहीं रहा है डर के आगे जीत है.उन्होंने कहा एक्यूट मेलॉइड ल्यूकीमिया, एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक, बोन ट्यूमर, ल्यूकेमिया, ब्रेन ट्यूमर, होज्किन्ज लिम्फोमा, साकोर्मा, एंब्रायोनल ट्यूमर और रेटिनोब्लास्टोमा ये न केवल कुछ मुश्किल शब्द हैं, बल्कि बच्चों की जान को मुश्किल में डालने वाले खतरनाक कैंसर के प्रकार हैं जो बड़ी खामोशी से हंसते-खेलते मासूमों को मौत के मुंहाने पर लाकर खड़ा कर देते हैं.ऐसे में, कैंसर के प्रति जागरूकता ही इस खतरनाक रोग का बचाव है.यदि बच्चों में कैंसर के लक्षण का पता शुरुआत में ही लग जाए और समय पर इसका इलाज शुरू हो जाए तो बच्चों की जान बचाई जा सकती है।
कहा शुरुआती लक्षणों में बिना संक्रमण के यदि 1-2 हफ्ते से अधिक समय तक बुखार रहना,हड्डियों एवं कमर में दर्द रहना,पेट, गर्दन और हड्डियों में दर्द रहित सूजन या ट्यूमर,शरीर में गांठ होना,
बेवजह लगातार वजन घटना है.वहीं नीला पड़ना,नाक से खून आना,आंख और शरीर का पीला पड़ना,पुतली यानी कि आंखों के फैलाव में सफेद रंग नजर आना,ब्रेन ट्यूमर में बार-बार असहनीय सिरदर्द महसूस होना, उल्टी या चक्कर आना भी शामिल है
– तंबाकू मुक्त करने के लिए बच्चों को दिलाई गई शपथ-
होमी भाभा केंसर प्रिवेंटिव ऑनकोलॉजी हॉस्पिटल मुज़्ज़फ़रपुर की तकनीकी पदाधिकारी डॉ प्राची आनंद ने कहा बच्चों में कैंसर के खतरे को कम करने की शुरुआत मां के गर्भ से होती है. ऐसे में मां बाप को प्रेगनेंसी पीरियड से लेकर 14 साल की उम्र तक बच्चों की सेहत के प्रति खास सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है.
किशोरियों में ब्लड कैंसर, ल्यूकोमा, बच्चेदानी, रीप्रोडक्टिव ऑर्गन के कैंसर के मामले ज्यादा देखने में आते हैं. बचाव के लिए 10-12 वर्ष की उम्र में लड़कियों को ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन लगवा देनी चाहिए. इसके अलावा किशोरियां अगर मेंसुअल हाइजीन का ध्यान रखें तो इससे बचा सकता है.इस तरह के कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना और समाज में यह संदेश पहुंचाना है कि आज के समय कैंसर लाइलाज नहीं है यदि शुरुआती दौर में ही उचित इलाज मुहैया कराई जाए तो कई कैंसर मरीजों का जीवन बचाया जा सकता है उन्होंने तंबाकू मुक्त करने के लिए बच्चों को शपथ दिलाया
– आंखों के कैंसर की पहचान एवं निदान की दी जानकारी-
लायंस क्लब के सचिव डॉक्टर संजय कुमार ने रेटिनोब्लास्टोमा के लिए चेतावनी संकेत की जानकारी देते हुए बताया व्हाइट प्यूपिलरी रिफ्लेक्स (ल्यूकोकोरिया) रेटिनोब्लास्टोमा (रेटिना का घातक ट्यूमर) है.सर दर्द बार-बार उल्टी होना आंख बाहर की ओर आना रोशनी अचानक से कम होते चले जाना जैसी कोई भी शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं उचित सलाह लें.
चार्टर प्रेसिडेंट डॉ सच्चिदानंद यादव ने कहा यहां उपस्थित छात्र-छात्राएं कल का भविष्य है जानकारी की रोशनी से लबरेज होकर समाज का मार्गदर्शन करें यही कामना है.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ आमना लायन विकास सर्राफ,आनंद प्रानसुखका, राजीव सर्राफ, चंदन कुमार ,मनीष प्रानसुखका, अशोक गुप्ता, आलोक चौधरी सोनू, बबलू सिंह, शंभू साह, , सुमन कुमार ,नीतीश कुमार आदि मौजूद रहे.